-धरनों से पंजाब के उद्योग धंधे बुरी तरह से हुए तबाह, आंदोलन के लिए किसान संगठनों में चल रहे मुकाबले
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चंडीगढ़ कूच पर अड़े किसानों को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश में समानांतर सरकार चलाने का अधिकार किसी को नहीं दिया जाएगा। किसान आंदोलन के कारण पंजाब की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि खराब हुई है। किसान संगठनों में आंदोलनों को लेकर मुकाबले चल रहे हैं। इससे पंजाब का उद्योग तबाह हो रहा है।
भगवंत मान मंगलवार को मोहाली जिले में खरड़ तहसील परिसर का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। यह पहला माैका है जब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसान आंदाेलन के विरुद्ध बाेला है। उन्होंने कहा कि सोमवार की रात किसानों के साथ बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा चल रही थी लेकिन किसान चंडीगढ़ कूच करने के ऐलान को वापस लेने के लिए राजी नहीं हो रहे थे। जनता के हितों को देखते हुए उन्होंने बैठक को बीच में ही छोड़ दिया।
उन्हाेंने कहा कि किसान आंदोलन के कारण पंजाब का उद्योग तबाह हो रहा है। पंजाब की ट्रांसपोर्ट खत्म होती जा रही है। कभी रेल रोकी जा रही है तो कभी सडक़ें रोकी जा रही है। कहीं एनएचएआई के प्रोजैक्ट रोके जा रहे हैं। अब हालात यह है कि किसान नेता राजनीति चमकाने के लिए इमीग्रेशन दफ्तरों के आगे धरने दे रहे हैं। इन धरनों के नाम पर गांवों से फंड इक्कठा किया जा रहा है। पारिवारिक झगड़ों में भी किसान पंचायतें करने लगे हैं। इस तरह की समानांतर सरकार चलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन साइटों से पंजाब में अगर कोई सामान मंगवाया जाता है तो वह महंगा मिलता है। इससे आम जनता परेशान हो रही है। किसान संगठनों पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आंदोलन के नाम पर मुकाबले चल रहे हैं। एक संगठन का आंदोलन समाप्त होने लगता है तो दूसरा तैयारी कर लेता है। मान ने कहा कि पंजाब सरकार दशमेश नहर का निर्माण करने जा रही है। नई कृषि नीति लेकर आ रहे हैं। किसान आंदोलन करने की बजाय नई नीति के लिए अपने सुझाव दें।