नई दिल्ली। कांग्रेस ने संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने इस सत्र को ‘प्रदूषण कालीन सत्र’ करार देते हुए कहा कि सरकार देश में बढ़ते प्रदूषण के खतरों को लगातार नकार रही है और इस अहम मुद्दे पर संसद में चर्चा से बच रही है। शीतकालीन सत्र के समापन के बाद कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सरकार की नीतियों और रवैये पर तीखा हमला बोला।
जयराम रमेश ने कहा कि सत्र की शुरुआत रवींद्रनाथ टैगोर और पंडित नेहरू को लेकर विवादित टिप्पणियों से हुई और इसका अंत महात्मा गांधी के अपमान से किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सदन में इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार का यह बयान बेहद चौंकाने वाला है कि प्रदूषण और फेफड़ों की बीमारियों के बीच कोई संबंध नहीं है, जबकि देश-विदेश की कई रिपोर्टें प्रदूषण को गंभीर बीमारियों का कारण बता चुकी हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में प्रदूषण पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन सरकार ने इस मुद्दे से बचते हुए सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सर्वदलीय बैठक में जिन 14 विधेयकों को लाने की बात कही गई थी, उनमें से 5 विधेयक पेश ही नहीं किए गए।
जयराम रमेश ने दिल्ली-एनसीआर की खराब हवा का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दो महीनों से हालात चिंताजनक बने हुए हैं। शुक्रवार को दिल्ली का एक्यूआई 376 दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक स्तर माना जाता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह राजनीति से ऊपर उठकर प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे पर गंभीरता दिखाए।

