रांची। गणगौर व्रत को सौभाग्य तृतीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सुहागिन पति की लंबी उम्र और अपने सुख-सौभाग्य के लिए व्रत करती हैं। हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया को गणगौर का त्योहार मनाया जाता है।

पंडित मनोज पांडेय ने शुक्रवार को बताया कि गणगौर तीज का व्रत एक अप्रैल को रखा जाएगा। तृतीया की शुरुआत 31 मार्च को शाम 4.42 बजे शुरू हो जाएगी।

गणगौर तीज के दिन ही भगवान शिव ने माता पार्वती और पार्वती ने महिलाओं को सौभाग्यवती का वरदान दिया था। इस दिन का खास महत्व है। सुहागिनें व्रत धारण से पहले रेणुका (मिट्टी) की गौरी की स्थापना करती हैं और उनका पूजन किया जाता है।

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