नई दिल्ली। केन्द्रीय कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में भारतीय कॉर्पोरेट कार्य संस्थान (आईआईसीए) ने गोवा में नेशनल एसोसिएशन ऑफ इम्पैक्ट लीडर्स (एनएआईएल) मीट 2025 का आयोजन किया। इस महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें ‍प्रख्यात ईएसजी पेशेवर, नीति निर्माता और विचारक शामिल थे।

आईआईसीए के महानिदेशक व सीईओ अजय भूषण प्रसाद पांडे और राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) के अध्यक्ष के मार्गदर्शन में आयोजित एनएआईएल में गहन विचारों का आदान-प्रदान करने, उभरती स्थिरता प्रवृत्तियों पर विमर्श करने और जिम्मेदार कॉर्पोरेट भविष्य के लिए एक नीति तैयार करने पर मंथन किया गया। बौद्धिक चर्चा के लिए मंच तैयार करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत प्रोफेसर गरिमा दाधीच, एसोसिएट प्रोफेसर और स्कूल ऑफ बिजनेस एनवायरनमेंट, आईआईसीए की प्रमुख द्वारा आयोजित स्वागत और संदर्भ सत्र से हुई। उन्होंने कॉर्पोरेट स्थिरता को बढ़ावा देने में ईएसजी नेतृत्व के बढ़ते महत्व को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया और संगठनात्मक रणनीतियों को नई वैश्विक नीतियों के अनुरूप करने की आवश्यकता के बारे में बताया।

कार्यक्रम में इंफोसिस लिमिटेड की उपाध्यक्ष अरुणा सी. न्यूटन ने इस बारे में एक रोचक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया कि कैसे मजबूत शासन व्‍यवस्‍था हरित प्रौद्योगिकी को अपनाने में तेजी ला सकती है, जिससे अंततः कॉर्पोरेट स्थिरता की संस्कृति को बढ़ावा मिल सकता है। उनके गहन विचारों ने यूनिसेफ के निजी क्षेत्र की भागीदारी में जनसंपर्क सहयोगी के लिए मार्ग प्रशस्त किया, जिन्होंने व्यवसाय उत्तरदायित्व और स्थिरता रिपोर्टिंग (बीआरएसआर) कोर के सामाजिक आयामों का गहन विश्लेषण प्रदान किया, जिससे समावेशी और नैतिक व्यावसायिक आचरण की अनिवार्यता को बढ़ावा मिला।

प्रोफेसर गरिमा दधीच के संचालित पैनल चर्चा में प्रतिष्ठित एनएआईएल सदस्यों यानि बैच I से जेपी दाश, बैच II से अशोक सेठी और श्रीधर एल, बैच III से शालिनी वर्मा और परितोष चौहान ने एक उत्साहवर्धक विचार-विमर्श किया। विचारों के इस आदान-प्रदान में नियामक परिवर्तनों के दूरगामी प्रभावों पर चर्चा हुई जिसमें सेबी के नए मानदंड, कॉर्पोरेट स्थिरता रिपोर्टिंग निर्देश (सीएसआरडी) और स्थिरता लेखा मानक बोर्ड (एसएएसबी) और जलवायु-संबंधी वित्तीय प्रकटीकरण (टीसीएफडी) पर कार्यबल का विघटन शामिल है। इसमें कॉर्पोरेट क्षेत्र के लिए चुनौतियों और अवसरों दोनों पर चर्चा हुई। इस संवाद को आगे बढ़ाते हुए सेबी के ऋण और हाइब्रिड सिक्योरिटीज विभाग (डीडीएचएस)-पीओडी के वरिष्ठ अधिकारी ने नई ईएसजी रेटिंग, सेबी के कॉर्पोरेट वित्त विभाग के आधिकारिक प्रतिनिधि ने बीआरएसआर कोर के लिए निर्धारित औद्योगिक बेंचमार्क और ईएसजी अनुपालन को बढ़ाने के लिए प्रयासरत व्यवसायों पर उनके ठोस प्रभाव का एक आधिकारिक प्रभाव के बारे में बताया।

प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति पर प्रकाश डालते हुए केपीएमजी इंडिया के वरिष्ठ विशेषज्ञ-ईएसजी प्रैक्टिस ने ईएसजी डेटा विश्‍लेषण, रिपोर्टिंग और निर्णय लेने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका पर एक प्रस्तुति दी। यह सहज रूप से वरिष्ठ विशेषज्ञ डब्ल्यूआरआई इंडिया और वरिष्ठ विशेषज्ञ सीईईडब्ल्यू-सीईएफ के नेतृत्व में एक रोचक सत्र था। इसमें उन्होंने क्रमशः ग्रीनहाउस गैस लेखांकन पद्धतियों का एक विस्तृत विश्लेषण प्रदान किया और न्‍यूनतम कार्बन उत्‍सर्जन के लिए कार्बन बाजारों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया।

कार्यक्रम के दाैरान एक नेटवर्किंग सत्र का आयोजन भी किया गया जिसमें लोगों ने टिकाऊ वित्त, ईएसजी लेखांकन, कार्बन उत्‍सर्जन मुक्‍त रणनीतियों और व्यवसाय-जैव विविधता एकीकरण पर चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान, आईआईसीए ने कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के सहयोग से आयोजित आईआईसीए के प्रमुख ईएसजी वार्षिक सम्मेलन के तीसरे संस्करण, जिम्मेदार व्यावसायिक आचरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसीआरबीसी) की भी घोषणा की। यह सम्‍मेलन 2 और 3 जुलाई 2025 को आयोजित किया जाएगा।

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