नई दिल्ली। भारत और सिंगापुर ने मंगलवार को ग्रीन डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर (जीडीएससी) के लिए हाथ मिलाया है। इसके लिए दोंनों देश ने एक आशय पत्र (एलओआई) पर हस्ताक्षर किए, जिसमें डिजिटलीकरण और कार्बन मुक्त परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि सिंगापुर और भारत ने समुद्री डिजिटलीकरण और डीकार्बोनाइजेशन पर सहयोग करने के लिए एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए। इस एलओआई पर सिंगापुर के समुद्री और बंदरगाह प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी तेओ इंग दीह और भारत के बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्लू) के संयुक्त सचिव आर. लक्ष्मणन ने हस्ताक्षर किए हैं। इस अवसर पर सिंगापुर के परिवहन मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय के वरिष्ठ राज्यमंत्री डॉ. एमी खोर और भारत के बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद रहे।

सिंगापुर के समुद्री एवं बंदरगाह प्राधिकरण और बंदरगाह, पोत परिवहन मंत्रालय के संयुक्त बयान के अनुसार सिंगापुर-भारत जीडीएससी से दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा तथा शून्य या लगभग शून्य जीएचजी उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों के विकास, इस्तेमाल तथा डिजिटल समाधानों को अपनाने में तेजी लाने में मदद मिलेगी। आशय पत्र के तहत दोनों पक्ष समुद्री डिजिटलीकरण और कार्बन मुक्त परियोजनाओं पर सहयोग करेंगे। इसमें उन प्रासंगिक हितधारकों की पहचान करना शामिल है, जो इस प्रयास में योगदान दे सकते हैं। इसके साथ ही सिंगापुर-भारत जीडीएससी पर समझौता ज्ञापन के जरिए साझेदारी को औपचारिक रूप देने की दिशा में काम करेंगे।

इस अवसर पर केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि समुद्री क्षेत्र के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ उनकी सिंगापुर यात्रा से दीर्घकालिक संबंध मजबूत होंगे। व्यापक रणनीतिक साझेदारी दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा और व्यापक बनाएगी। सोनेवाल सिंगापुर में 24 से 28 मार्च, 2025 तक आयोजित समुद्री सप्ताह हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें दुनियाभर से 20 हजार प्रतिनिधियों और प्रदर्शकों के शामिल होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि सर्बानंद सोनोवाल सिंगापुर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं।

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