अंकारा। तुर्की में राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के मुख्य प्रतिद्वंद्वी और इस्तांबुल के लोकप्रिय मेयर एकरेम इमामोगलु को भ्रष्टाचार और आतंकवादी संगठन की सहायता के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। विपक्षी दल रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) ने इस कार्रवाई को “हमारे अगले राष्ट्रपति के खिलाफ तख्तापलट” करार दिया है।

इमामोगलु की गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है जब वे सीएचपी के राष्ट्रपति पद के आधिकारिक उम्मीदवार के रूप में नामित होने वाले थे। उनकी लोकप्रियता और एर्दोगन के खिलाफ बढ़ती राजनीतिक चुनौती को देखते हुए इसे विपक्ष पर राजनीतिक हमला माना जा रहा है।

इमामोगलु की गिरफ्तारी के बाद तुर्की की मुद्रा लीरा में भारी गिरावट दर्ज की गई। डॉलर के मुकाबले लीरा 12% तक गिरकर 42 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई। यह तुर्की में कानून के कमजोर होते शासन और राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाता है, जिससे निवेशकों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

54 वर्षीय इमामोगलु ने हिरासत में लिए जाने के बाद हाथ से लिखे एक पत्र में जनता से अपील की कि वे उनके खिलाफ झूठ, साजिश और षड्यंत्र का डटकर मुकाबला करें। गिरफ्तारी से पहले उन्होंने पुलिस स्टेशन जाते समय कहा, “मैं किसी भी दबाव के आगे झुकने वाला नहीं हूं।”

वहीं, तुर्की के न्याय मंत्री यिलमाज़ तुंच ने राष्ट्रपति एर्दोगन और कानूनी प्रक्रिया को जोड़ने पर आपत्ति जताई और विपक्ष को “तख्तापलट” शब्द का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दी। सरकार ने विरोध प्रदर्शनों पर अस्थायी प्रतिबंध भी लगा दिया और पुलिस ने कई इलाकों को सील कर दिया। हालांकि, इसके बावजूद सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हो गए और नारेबाजी की- “वो दिन आएगा जब एर्दोगन की एके पार्टी को इसका हिसाब देना होगा!”

ऐसे में यदि विपक्षी दल बड़े विरोध प्रदर्शनों का आह्वान करता है, तो यह सरकार की असहमति को कुचलने की मंशा की एक बड़ी परीक्षा होगी। बीते साल से सरकार ने कई विपक्षी मेयरों को बर्खास्त कर दिया है और एक राष्ट्रवादी पार्टी नेता को जेल भेज दिया है। इमामोगलु की गिरफ्तारी से तुर्की में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ सकती है, जिससे अगले चुनाव में लोकतंत्र और सत्ता संतुलन पर गंभीर सवाल खड़े हो सकते हैं।

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