समय मांगे जाने पर तीसरी बार लगाया जुर्माना
हैदराबाद की बिजली कंपनी के डायरेक्टर डीके श्रीवास्तव से मुंबई में 11.40 करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप
रांची। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की ओर से निचली अदालत द्वारा आरोप गठित किये जाने को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई झारखंड हाइकोर्ट में हुई। हाइकोर्ट ने तीसरी बार फिर से मधु कोड़ा की ओर से समय मांगे जाने पर 4000 रुपये का जुर्माना लगाया। मामले की अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी। इससे पहले 17 जनवरी 2025 को समय मांगे जाने पर मधु कोड़ा पर 2000 रुपये का जुर्माना एवं 13 दिसंबर 2024 को 1000 रुपये का जुर्माना कोर्ट ने लगाया था। जुर्माना की राशि झारखंड लीगल सर्विस अथॉरिटी (झालसा ) में जमा करने का निर्देश हुआ था।
बता दें कि मधु कोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व में मुख्यमंत्री के उच्च पद का दुरुपयोग करते हुए हैदराबाद की बिजली कंपनी आइवीआरसीएल के डायरेक्टर डीके श्रीवास्तव से मुंबई में 11.40 करोड़ रुपये घूस ली। साथ ही कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए उसे लातेहार, गढ़वा और पलामू सहित छह जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण करने का टेंडर दे दिया। इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। इसमें मधु कोड़ा ढाई साल तक जेल में रहे थे। उन्हें 30 जुलाई 2013 को जमानत मिली थी।
बता दें कि आरोप है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने हैदराबाद की ब्लैक लिस्टेड कंपनी आइवीआरसीएल को काम दिया था। वर्ष 2006 में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना के लिए झारखंड को केंद्र से 467.76 करोड़ रुपये मिले थे। इस परियोजना के तहत झारखंड के छह जिलों के 27359 गांवों का विद्युतीकरण किया जाना था। इससे 29.26 लाख परिवारों को सीधे तौर पर लाभ मिलता।