रांची। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने सोमवार को विधानसभा में अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से नगर निकायों के चुनाव का मामला उठाया। राय ने सरकार से पूछा कि 16 जनवरी, 2025 को न्यायालय के अवमानना की नोटिस पर सरकार ने उच्च न्यायालय में दायर शपथ पत्र में कहा कि चार माह के भीतर सरकार नगर निकायों का चुनाव करा लेगी। यह अवधि 16 मई, 2025 को पूरी हो रही है। चुनाव की तिथि से एक महीना पहले आमतौर पर चुनाव की घोषणा होती है। क्या राज्य सरकार चार माह पूरा होने पर पुन: न्यायालय के सामने जाकर चुनाव की तिथि बढ़वाएगी या इस अवधि में राज्य के सभी नगर निकायों में ट्रिपल टेस्ट करा लेगी? यदि ट्रिपल टेस्ट नहीं हो पाया तो पंचायतों की चुनाव की तरह नगर निकायों के चुनाव भी करा लेगी?

विभागीय मंत्री का जवाब
इस पर विभागीय मंत्री ने स्पष्ट कहा कि हर हाल में ट्रिपल टेस्ट कराकर, समय पर चुनाव करा लेंगे और यदि ट्रिपल टेस्ट का काम पूरा नहीं हो सकेगा तो उच्च न्यायालय से फिर समय लेंगे। इस तरह से नगर निकायों का चुनाव फिर ठंडे बस्ते में जाने की संभावना अधिक है क्योंकि अभी तक सिर्फ 21 जिलों में ट्रिपल टेस्ट का सर्वे कराने की प्रक्रिया पूरी हुई है। तीन जिलों में सर्वें का काम अभी भी पूरा नहीं हो पाया है। सर्वें के उपरांत ट्रिपल टेस्ट पर अंतिम निर्णय के लिए कतिपय प्रक्रियाओं से सरकारी विभाग को गुजरना पड़ता है। उसमें जो वक्त लगेगा, सो अलग होगा।

छिनतई, गोली कांड और गृहभेदन का मामला उठाया
सरयू राय ने सोमवार को तारांकित प्रश्न के माध्यम से जमशेदपुर में चोरी, छिनतई, गोली कांड और गृहभेदन के कांडों की बढ़ती घटनाओं पर सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि शहरों में पुलिस बल का बड़ा हिस्सा दोपहिया वाहनों की चेकिंग में लगा दिया गय़ा है। कई बार तो एक ही वाहन की चेकिंग दो-दो बार की जा रही है। यदि इस पुलिस बल को अपराध नियंत्रण में लगाया जाय तो बेहतर होगा। क्या सरकार ऐसा करना चाहती है?डायलिसिस का मुद्दा

राय ने सोमवार को विधानसभा में विशेष सूचना के माध्यम से जमशेदपुर के अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत डायलिसिस के मरीजों के कठिनाईयों की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया। राय ने कहा कि पहले एक बार में डायलिसिस करने वाले मरीजों को 12 बार डायलिसिस कराने का रजिस्ट्रेशन हो जाता था, परन्तु अब प्रत्येक डायलिसिस के समय उन्हें डायलिसिस केन्द्र में जाकर रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन कंफर्म होने में 8 से 10 घंटा तक का समय लग जाता है। रजिस्ट्रेशन होने के बाद 3-4 घंटा डायलिसिस में लग जाता है। इससे मरीजों को भारी परेशानी होती है। विडम्बना है कि रजिस्ट्रेशन होने की प्रक्रिया में अस्पताल मरीजों से डायलिसिस का पूरा भुगतान ले लेती हैं, परंतु मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद वे इस राशि को वापस नहीं करते हैं। मरीजों को दोहरा घाटा हो रहा है।

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