नई दिल्ली। कर्नाटक में मुसलमानों को सार्वजनिक ठेकों में चार प्रतिशत आरक्षण देने के मुद्दे पर आज राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित किए जाने के बावजूद बार-बार हो रहे व्यवधान के कारण मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

आज पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्तापक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के संविधान पर दिए गए कथित बयान पर नेता विपक्ष एवं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान को बदलना चाहती है। नेता सदन जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कर्नाटक में सार्वजनिक ठेकों में मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित हुआ है। ये असंवैधानिक है। कांग्रेस हमेशा संविधान के खिलाफ काम करती है। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष को अपना पक्ष साफ रखना चाहिए।

इसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान को बचाने का काम किया है। भारत जोड़ो यात्रा इसलिए ही निकाली गई थी। इस बीच सदन में दोनों पक्षों से जोरदार हंगामा जारी रहा और सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

उसके बाद अपराह्न दो बजे जब सदन दोबारा बैठा तो नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आज सुबह कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण के मामले को लेकर संविधान बदलने की जो बात संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने उठाई, उसका नेता सदन जेपी नड्डा ने समर्थन किया, लेकिन मेरे हिसाब से कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने ऐसा कभी नहीं कहा। खरगे ने भरोसा दिया कि संविधान बदलने का हमारी तरफ से कभी प्रयास नहीं होगा। यह जब भी होगा, उधर (भाजपा की तरफ) से होगा। इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने शोरगुल के साथ तीखा विरोध किया, जिसका खरगे और उपनेता विपक्ष प्रमोद तिवारी ने प्रतिवाद किया। उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा हम हर कीमत कर करेंगे।

इस पर नेता सदन जेपी नड्डा कुछ कहना चाहते थे लेकिन विपक्ष की टोकाटाकी के कारण वह नहीं बोल सके। फिर आसन की तरफ से नेता विपक्ष को बोलने का मौका दिया गया। खरगे ने दिल्ली में एक न्यायाधीश के घर से नकदी मिलने के मुद्दे पर बोलना शुरू किया लेकिन उपसभापति हरिवंश ने उन्हें इस मुद्दे पर बोलने की अनुमति नहीं दी और इसे कार्यवाही से निकालने के निर्देश दिए।

उसके बाद नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि नेता विपक्ष ने सदन में अभी जो बयान दिया, वह झूठा है। असलियत यह है कि कर्नाटक की विधानसभा में मुस्लिम ठेकेदारों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित किया गया है। सरदार बल्लभभाई पटेल और भीमराव आंबेडकर ने संविधान में साफ कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा। इसके बावजूद इन्होंने (कांंग्रेस ने) तेलंगाना विधानसभा में सबसे पहले एससी, एसटी और ओबीसी का अधिकार छीनकर मुसलमानों और अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिया…। आज संसद में इस मुद्दे को उठाये जाने के बाद फिर से कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री शिवकुमार ने मुसलमानों को आरक्षण देने की बात दोहराई है। शिवकुमार ने फिर कहा कि संविधान कांग्रेस ने दिया है और संविधान बदलने का काम भी कांग्रेस ही करेगी। कोई पश्चाताप नहीं है। नड्डा ने कहा कि इन्होंने मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण में बैक डोर से एंट्री देने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि अब नौकरी तो छोड़िए, ठेकेदारी में भी आरक्षण होगा…। सत्ता से बाहर रहकर कांग्रेस अपना विवेक भी खो बैठी है।

नड्डा के इस बयान का विपक्षी सदस्यों ने तीखा विरोध करते हुए शोरगुल और हंगामा किया, जिस पर उप सभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। उसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही जब तीसरी बार शुरू हुई तो पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विपक्ष की नारेबाजी के बीच तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024 में लोकसभा द्वारा किए गए संशोधनों को विचार के लिए पेश किया। प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित किए जाने के बाद उपसभापति हरिवंश ने हंगामा जारी रहने के कारण सदन की कार्यवाही आज दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

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