वाशिंगटन। संयुक्त राज्य अमेरिका के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने मंगलवार को संघीय न्यायपालिका के खिलाफ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बढ़ती बयानबाजी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के खिलाफ फैसला सुनाने वाले न्यायाधीशों पर महाभियोग चलाने का आह्वान लक्षित प्रतीत होता है। रॉबर्ट्स का बयान सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया है।

सीएनएन की खबर के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश ने बयान में कहा, ”दो शताब्दियों से भी अधिक समय से यह स्थापित है कि न्यायिक निर्णय से संबंधित असहमति के लिए महाभियोग उचित प्रतिक्रिया नहीं है। इसके लिए अपीलीय समीक्षा प्रक्रिया मौजूद है।” रॉबर्ट्स के बयान में सीधे तौर पर ट्रंप का नाम नहीं लिया गया है। मुख्य न्यायाधीश का यह बयान ऐसे समय आया है जब राष्ट्रपति ने संघीय न्यायाधीशों पर अपने हमले तेज कर दिए और विशेष रूप से अमेरिकी जिला न्यायाधीश जेम्स बोसबर्ग के खिलाफ महाभियोग चलाने का आह्वान किया है। बोसबर्ग ने वेनेजुएला के कथित गिरोह के सदस्यों के निर्वासन पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी।

महत्वपूर्ण यह है कि एलन मस्क समेत ट्रंप के कई सहयोगी प्रशासन के खिलाफ सुनाए गए फैसलों पर संबंधित जजों के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस के रिपब्लिकन सदस्यों ने भी संघीय जजों पर महाभियोग चलाने की पहल की है। टेक्सास के रिपब्लिकन प्रतिनिधि ब्रैंडन गिल ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर कहा कि उन्होंने बोसबर्ग के खिलाफ महाभियोग के लिए पहल की है। ट्रंप ने बोसबर्ग के खिलाफ ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा, ”यह कट्टरपंथी वामपंथी पागल जज है। यह उपद्रवी और आंदोलनकारी है। इसे दुर्भाग्य से बराक हुसैन ओबामा ने नियुक्त किया था।” ट्रंप ने कहा कि यह कुटिल जजों की तरह है। इसके खिलाफ महाभियोग लाना चाहिए। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कभी अदालत के आदेश की अवहेलना नहीं की।

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