कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने शनिवार को बीजेपी नेता तरुण विजय के दक्षिण भारतीय लोगों पर की गई टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या बीजेपी और आरएसएस के सदस्य ही भारतीय हैं।
उन्होंने ट्विटर पर कहा, जब तरुण विजय यह कहते हैं कि हम काले लोगों के साथ रहते हैं तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि इसमें हम लोग कौन हैं क्या वह बीजेपी, आरएसएस सदस्यों को ही भारतीय मानते हैं। चिदंबरम तमिलनाडु के रहने वाले हैं और पूर्व गृहमंत्री और पूर्व वित्त मंत्री रह चुके हैं। विजय ने शुक्रवार को यह कहते हुए नस्लवाद पर विवाद छेड़ दिया था कि भारतीय लोगों को नस्लभेदी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि वह दक्षिण भारतीय लोगों के साथ रहते हैं, जो कि काले हैं।
उन्होंने यह विवादित बयान एक अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनल पर पैनल चर्चा के दौरान दिया था। इस बयान पर काफी विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस ने इसे चौंकाने वाला बयान बताया है, वहीं द्रमुक ने इस बयान को मजाकिया बताया है। अफ्रीकी छात्रों पर हुए हमले के बाद भारत पर लगे नस्लभेदी आरोपों पर उन्होंने कहा था, अगर हम नस्लभेदी होते तो हमारे पास पूरा दक्षिण क्यों होता जिसके बारे में आप जानते हैं, पूरा तमिल, केरल, कनार्टक और आंध्रप्रदेश। हम क्यों उनके साथ रहते हैं हमारे पास काले लोग हैं, हमारे आासपास काले लोग हैं।
सभी तरफ से खास तौर पर सोशल मीडिया पर आलोचना झेलने के बाद आरएसएस से संबद्ध साप्ताहिक पांचजन्य के पूर्व संपादक विजय ने टिवटर पर माफी मांग ली। बीजेपी प्रवक्ता शाइना एन सी ने कहा कि विजय अपनी बात अलग तरह से भी रख सकते थे। कांग्रेस के नेता मल्लिकाजुर्न खरगे ने कहा कि यह टिप्पणी भगवा पार्टी के अपने देश के लोगों के बीच भेदभाव करने की प्रवृति को दिखाता है।
विजय ने दावा किया था कि अफ्रीकी मूल के लोग महाराष्ट्र और गुजरात में सौहार्दपूर्ण तरीके से रह रहे हैं। उन्होंने भगवान कृष्ण का हवाला देते हुए कहा कि भारत के लोग काले रंगे के देवता को पूजते हैं। आलोचना झेलने के बाद उन्होंने कहा कि शायद उनके शब्द वह संदेश नहीं दे पाए जो वह देना चाह रहे थे।
उन्होंने कहा, मैं महसूस करता हूं कि मेरा पूरा बयान यह था कि हमने नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और हमारे पास विभिन्न रंग और संस्कति के लोग हैं और फिर भी कभी कोई नस्लवाद नहीं था। नस्लभेद के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, मैं कभी नहीं, कभी नहीं यहां तक कि नींद में भी दक्षिण भारतीय लोगों को काला नहीं कह सकता हूं। मैं मर सकता हूं लेकिन अपने ही लोगों और संस्कृति और अपने ही देश का मजाक कैसे उड़ा सकता हूं। मेरे खराब तरीके से रचे गए वाक्य का गलत मतलब निकालने से पहले सोचें।
द्रमुक सांसद टीकेएस इलानगोवान ने कहा कि विजय की टिप्पणी मजाकिया थी क्योंकि दक्षिण भारत के सभी लोग काले नहीं हैं। इसके लिए उन्होंने दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता का उदाहरण दिया। उनकी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि विजय का बयान उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय लोगों के बीच अंतर को दर्शाता है।
कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने शनिवार को बीजेपी नेता तरुण विजय के दक्षिण भारतीय लोगों पर की गई टिप्पणी पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या बीजेपी और आरएसएस के सदस्य ही भारतीय हैं।
उन्होंने ट्विटर पर कहा, जब तरुण विजय यह कहते हैं कि हम काले लोगों के साथ रहते हैं तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि इसमें हम लोग कौन हैं क्या वह बीजेपी, आरएसएस सदस्यों को ही भारतीय मानते हैं। चिदंबरम तमिलनाडु के रहने वाले हैं और पूर्व गृहमंत्री और पूर्व वित्त मंत्री रह चुके हैं। विजय ने शुक्रवार को यह कहते हुए नस्लवाद पर विवाद छेड़ दिया था कि भारतीय लोगों को नस्लभेदी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि वह दक्षिण भारतीय लोगों के साथ रहते हैं, जो कि काले हैं।
उन्होंने यह विवादित बयान एक अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनल पर पैनल चर्चा के दौरान दिया था। इस बयान पर काफी विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस ने इसे चौंकाने वाला बयान बताया है, वहीं द्रमुक ने इस बयान को मजाकिया बताया है। अफ्रीकी छात्रों पर हुए हमले के बाद भारत पर लगे नस्लभेदी आरोपों पर उन्होंने कहा था, अगर हम नस्लभेदी होते तो हमारे पास पूरा दक्षिण क्यों होता जिसके बारे में आप जानते हैं, पूरा तमिल, केरल, कनार्टक और आंध्रप्रदेश। हम क्यों उनके साथ रहते हैं हमारे पास काले लोग हैं, हमारे आासपास काले लोग हैं।
सभी तरफ से खास तौर पर सोशल मीडिया पर आलोचना झेलने के बाद आरएसएस से संबद्ध साप्ताहिक पांचजन्य के पूर्व संपादक विजय ने टिवटर पर माफी मांग ली। बीजेपी प्रवक्ता शाइना एन सी ने कहा कि विजय अपनी बात अलग तरह से भी रख सकते थे। कांग्रेस के नेता मल्लिकाजुर्न खरगे ने कहा कि यह टिप्पणी भगवा पार्टी के अपने देश के लोगों के बीच भेदभाव करने की प्रवृति को दिखाता है।
विजय ने दावा किया था कि अफ्रीकी मूल के लोग महाराष्ट्र और गुजरात में सौहार्दपूर्ण तरीके से रह रहे हैं। उन्होंने भगवान कृष्ण का हवाला देते हुए कहा कि भारत के लोग काले रंगे के देवता को पूजते हैं। आलोचना झेलने के बाद उन्होंने कहा कि शायद उनके शब्द वह संदेश नहीं दे पाए जो वह देना चाह रहे थे।
उन्होंने कहा, मैं महसूस करता हूं कि मेरा पूरा बयान यह था कि हमने नस्लवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और हमारे पास विभिन्न रंग और संस्कति के लोग हैं और फिर भी कभी कोई नस्लवाद नहीं था। नस्लभेद के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, मैं कभी नहीं, कभी नहीं यहां तक कि नींद में भी दक्षिण भारतीय लोगों को काला नहीं कह सकता हूं। मैं मर सकता हूं लेकिन अपने ही लोगों और संस्कृति और अपने ही देश का मजाक कैसे उड़ा सकता हूं। मेरे खराब तरीके से रचे गए वाक्य का गलत मतलब निकालने से पहले सोचें।
द्रमुक सांसद टीकेएस इलानगोवान ने कहा कि विजय की टिप्पणी मजाकिया थी क्योंकि दक्षिण भारत के सभी लोग काले नहीं हैं। इसके लिए उन्होंने दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता का उदाहरण दिया। उनकी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि विजय का बयान उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय लोगों के बीच अंतर को दर्शाता है।