अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर मध्यस्थता करने के संकेत दिए हैं. अमेरिका के ये संकेत उसकी तटस्थ नीति में परिवर्तन होने की और साफ इशारा हैं. अमेरिका ने आज कहा कि वह ‘कुछ घटित होने’ का इंतजार नहीं करेगा और भारत तथा पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने के प्रयासों में अपनी ‘जगह बनाने की कोशिश’ करेगा.

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा कि ‘यह बिल्कुल सही है कि यह प्रशासन भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को लेकर चिंता रखता है और हम यह देखना चाहते हैं कि किसी भी विवाद को आगे बढ़ने से रोकने में हम किस तरह की भूमिका निभा सकते हैं.’

हेली ने कहा, हमें नहीं लगता कि कुछ घटित होने तक हमें इंतजार करना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि इसमें आप राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य को भागीदारी करते देखेंगे और आपको अचरज नहीं होना चाहिए अगर खुद राष्ट्रपति भी इसमें शामिल हों.’

गौरतलब रहें कि अमेरिका कश्मीर को दक्षिण एशिया के दो पड़ोसियों के बीच द्विपक्षीय मुद्दा मानता आया हैं. ओबामा प्रशासन की नीति रही हैं कि कश्मीर के मुद्दे पर दोनों राष्ट्रों को मिलकर काम करना चाहिए इसमें अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है. साथ ही कश्मीर मुद्दे पर बातचीत का स्वरूप, व्यापकता और गति क्या होगी यह भारत और पाकिस्तान को तय करना है.

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version