उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के अधिकारियों विशेषकर जिलाधिकारियों को आफिस में सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक उपस्थित रहने का निर्देश देते हुए शुक्रवार को आगाह किया कि मुख्यमंत्री इस समय के बीच में कभी भी किसी भी जिलाधिकारी या वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से लैंडलाइन पर बात कर सकते हैं।
ऊर्जा मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री ने ये आदेश भी दिया है कि जिन जिलों में जो अधिकारी कैम्प आफिस से जिले को चला रहे है, वे आज से ही बिना आदेश लिए अपने कैम्पों को बंद कर दें और दफ्तारों में जाना शुरू करें। उन्होंने कहा कि सुबह नौ बजे से 11 बजे तक सभी डीएम (जिलाधिकारी) और एसएसपी (वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) जनता से मिलें। उनकी बात सुनें। उनकी समस्याओं का निपटारा करें। उसके बाद डीएम तहसीलों का प्रवास करें और एसएसपी थानों का प्रवास करें। औचक निरीक्षण करें। लारपावाही पायी जाए तो संबंधित अधिकरियों पर कार्रवाई करें।
शर्मा ने कहा कि अधिकारी कोशिश करें कि शाम को छह बजे तक अपने दफ्तर में रहें। मुख्यमंत्री लैंड लाइन पर बात करने वाले हैं। चाहे वो जिले का कोई भी अधिकारी हो। अगर वह किसी महत्वपूर्ण काम से बाहर है तो उसकी जानकारी आफिस में रहे। डीएम को खासकर दिशानिर्देश है। कप्तान (एसएसपी) को छूट दी गई है लेकिन सुबह नौ से 11 बजे तक एसएसपी और डीएम जनता की सुने, उससे मिलें और समस्याओं का निराकरण करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कभी भी, किसी भी डीएम या एसएसपी को इस समय के बीच में लैंडलाइन पर बात कर सकते हैं।
शर्मा ने बताया कि 100 दिन के बाद हमारी सरकार एक रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखेगी। अभी हमने अलग अलग विभागों का प्रस्तुतिकरण किया है। 100 दिन बाद सभी मंत्री अपने विभागों का प्रस्तुतिकरण मुख्यमंत्री के समक्ष करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही हैं, वहां पर अविलंब कार्रवाई होगी। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की जाएगी। सिर्फ उनको वार्निंग (चेतावनी) देकर नहीं छोडा जाएगा। अगर रिश्वतखोरी हुई तो उनको जेल की सलाखों के पीछे जाना होगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टालरेंस (जरा भी बर्दाश्त नहीं करने) की नीति है।
शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी महानगरों में सभी नगर आयुक्तों को आदेश जारी किये हैं कि स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। सभी जिलाधिकारी ये सुनिश्चित करें कि गांव के अंदर भी स्वच्छता रहे। ग्राम प्रधान के साथ मिलकर यह काम सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जन सहभागिता के साथ स्वच्छता को और जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाना होगा। स्वच्छता जन आंदोलन बन चुका है। जल संरक्षण भी जन आंदोलन बने क्योंकि बिना जन सहभागिता के ये हो नहीं सकता। पानी हमारी प्राथमिकता है। इसे बचाना और सबको जल मिले, ये भी हमारी प्राथमिकता है।
शर्मा ने कहा कि अधिकारियों से कहा गया है कि जिन महानगरों में प्लास्टिक की प्लेट, कप या पालिथिन का उपयोग होता है, वहां अभियान के तहत जनता का सहयोग लेकर उन सभी महानगरों को प्लास्टिक ओर पालिथिन से मुक्त करें। ये संज्ञान में आया है कि नालों और नालियों में पानी की रूकावट प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास या पालिथिन से होती है। इसे लेकर भी जागरूकता अभियान चलाया जाए और जन सहभागिता सुनिश्चित की जाए।
मंत्री ने बताया कि योगी आदित्यनाथ ने यह भी सुनिश्चित किया है कि मुख्यमंत्री के पांच कालिदास मार्ग स्थित आवास पर जिन जिन जगहों से ज्यादा शिकायतें आएंगी, उन जिलों के अधिकारियों से, डीएम और एसएसपी से या अन्य कोई विभाग के अधिकारी हों तो उन्हें तलब कर सवाल पूछा जाएगा कि आखिरकार आपके जिले की समस्याएं लखनउ तक क्यों आ रही हैं। उनका निपटारा नीचे स्तर पर क्यों नहीं हो रहा है।
सवालों के जवाब में शर्मा ने कहा कि सपा हो या बसपा हो। यही प्रदेश की जनता है, जिस जनता ने 15 साल उन्हें दिए और उन्होंने 15 साल में क्या क्या किया, ये भी जनता जानती है। पत्रकार जगत के मित्र भी जानते हैं। हम इनता ही कहना चाहते हैं अखिलेश यादव जी और उनकी बुआ जी से कि विचलित ना हों। हम लंबे समय तक यहां रहने वाले हैं। सरकार को काम करने दें। अगर कहीं आपको लगता है कि सरकार को सुक्षाव देना है तो सुझाव दें लेकिन बहुत निचले स्तर की राजनीति ना करें।
बिजली के बारे में शर्मा ने कहा कि अगर उपभोक्ता किसी भी अधिकारी से फोन पर बात करते हैं तो संयम से उसकी बात सुनना और समयसीमा में शिकायत निवारण करना। ये आदेश मुख्यमंत्री के हैं। सभी गांवों में रात्रि सात बजे से सुबह पांच बजे तक बिजली रहे, ये सभी अधिकारी और बिजली वितरण कंपनियां सुनिश्चित करें। आंधी, तूफान और ओलावृष्टि से तार टूटते हैं, खंभे गिरते हैं तो समय रहते वहां पर काम करने और बिजली को सुचारू रूप से पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।