रांची: कुख्यात अपराधी लवकुश शर्मा को रांची पुलिस ने गुरुवार की सुबह पश्चिम बंगाल के हुगली स्थित चंदननगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। अंडरग्राउंड लवकुश शर्मा हाल के दिनों में रांची के कई लोगों से फोन पर रंगदारी मांग रहा था। कई कारोबारी एवं बिल्डर उसे मदद के तौर पर प्रति माह पांच से दस हजार रुपये भी दे रहे थे। पुलिस के हाथ लवकुश का वह फोन नंबर लग गया था, जिससे वह बातचीत करता था। उसी आधार पर पुलिस ने नंबर को ट्रैस करना शुरू किया था। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि लवकुश कोलकाता के हुगली स्थित चंदननगर के एक फ्लैट में रह रहा है। इस जानकारी के बाद एसएसपी ने अफसरों संग बैठक की और रणनीति बनायी। इसके बाद एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने एक टीम का गठन किया। टीम को डीएसपी विकासचंद्र श्रीवास्तव लीड कर रहे थे। टीम में पुलिस लाइन से इंस्पेक्टर अजय सिंह, जेएसआइ पिठोरिया विकास कुमार, साह फैजल खान और क्यूआरटी की टीम थी। सभी को छह अप्रैल को पश्चिम बंगाल भेजा गया था। टीम करीब छह दिनों से चंदननगर में घात लगाये बैठी थी। रेलवे स्टेशन, टैक्सी स्टैंड समेत तमाम स्थानों पर नजर रख रही थी। गुरुवार सुबह लवकुश को पुलिस ने ट्रैस कर लिया। उसे जानकारी मिली कि लवकुश टेपों पर सवार होकर चंदननगर स्टेशन जा रहा है। पुलिस ने उसका पीछा करना शुरू किया और चंदननगर स्टेशन के पास चलते टेंपो से गिरफ्तार कर लिया।
कई सफेदपोशों और मददगारों के नाम बताये लवकुश ने
गिरफ्तार करने के बाद पुलिस लवकुश को सड़क मार्ग से रांची ले आयी। गुरुवार शाम पांच बजे के करीब उसे लेकर पुलिस रांची पहुंची। यहां पहुंचते ही उससे पूछताछ शुरू हो गयी है। एसएसपी ने लवकुश से पूछताछ की है, जिसमें लवकुश ने कई बड़े सफेदपोश लोगों का नाम बताया है। लवकुश ने बताया कि किस प्रकार उसने इंजीनियर समरेंद्र प्रसाद गोलीकांड को अंजाम दिया था। बताते चलें कि लवकुश को पुलिस विभाग के ही अधिकारी संरक्षण देते थे और उसे हर सूचना उपलब्ध कराते थे।
पुलिस ने रखा था एक लाख का इनाम
पुलिस को लवकुश शर्मा की तलाश लंबे समय से थी। पुलिस ने लवकुश पर एक लाख रुपये का इनाम रखा था। बाद में पुलिस ने इनाम की राशि दो लाख रुपये करने की अनुशंसा की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।
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