लखनऊ: राज्य में गुडों और माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए रोजाना कड़े फैसले लेने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी के बेलगाम कार्यकर्ताओं पर लगाम लगाने के लिए एक सख्त कदम उठाया है. कहा जा रहा है कि योगी सरकार के आने पर राज्य में कानून व्यवस्था नहीं सुधरी है. साथ ही बीजेपी के कई कार्यकर्त्ता भी पार्टी के लिए मुसीबत खड़ा दे रहे हैं. जिसके कारण अब सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक राज्य स्तरीय कोर कमेटी गठित की गई है.
जिसमें उनके कई मंत्री और आरएसएस के लोग भी शामिल है. एक तरफ जहां बीजेपी 2019 की तैयारी में लगी हुई है तो वहीं विपक्ष उससे घेरने में लगी. लेकिन कुछ नेताओं का कहना है कि बीजेपी को ज्यादा खतरा विपक्ष से नहीं अपने कार्यकर्ताओं से है. जबकि संघ का भी ऐसा ही कहना है. संघ के अधिकारियों का कहना है कि बीजेपी को जीत मिलने के बाद कार्यकर्ता सत्ता की ओर आकर्षित हो रहे है.
जिसके कारण उनकी अपेक्षाएं भी पार्टी से बढ़ रही है. इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि यूपी में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर संघ को यह अंदेशा है कि कार्यकर्ताओं के बीच टिकट पाने की मारामारी रहेगी. जिसे कोर कमिटी ही निपट सकेगी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कमेटी में सीएम योगी, उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, केशव मौर्य, प्रदेश प्रभरी ओम माथुर, सगठन मंत्री सुनील बंसल समेत कई अन्य बड़े नेता मौजूद थे