भारत के झारखंड के जामताड़ा में काजू बेहद सस्ते दरों मिल सकते हैं। इस शहर में काजू की कीमत सब्जियों के दाम के बराबर है। जामताड़ा में काजू इतने सस्ते इसलिए बिकते हैं क्योंकि यहां तकरीबन 49 एकड़ इलाके में काजू के बागान फैले हुए हैं। जिनमें काम करने वाले लोग और महिलाएं इन्हें बेहद सस्ते दाम पर बेच देते हैं। काजू की फसल में फायदा होने के चलते इलाके के काफी लोगों का रुझान इस ओर हो रहा है। ये बागान जामताड़ा ब्लॉक मुख्यालय से चार किलोमीटर की दूरी पर हैं।

पूर्व उपायुक्त कृपानंद झा के कारण बना यह बागान

सबसे दिलचस्प बात यह है कि जामताड़ा में काजू की इतनी बड़ी पैदावार चंद साल की मेहनत के बाद शुरू हुई है। इलाके के लोग बताते हैं जामताड़ा के पूर्व उपायुक्त कृपानंद झा ने कृषि वैज्ञानिकों से जामताड़ा की भौगोलिक स्थिति का पता किया। इसके बाद यहां काजू की बागवानी शुरू कराई। देखते ही देखते चंद साल में यहां काजू की बड़े पैमाने पर खेती होने लगी।

एक साल में हजारों क्विंटल की होती है पैदावार

कृपानंद झा के यहां से जाने के बाद निमाई चन्द्र घोष एंड कंपनी को केवल तीन लाख रुपए भुगतान पर तीन साल के लिए बागान की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया। काजू की बागवानी में जुटे लोगों ने कई बार राज्य सरकार से फसल की सुरक्षा की गुहार लगाई, पर खास ध्यान नहीं दिया गया। पिछले साल सरकार ने नाला इलाके में 100 हेक्टेयर भूमि पर काजू के पौधे लगाए जाने की बात कही थी। पौधारोपण की सभी प्रकार की तैयारी विभाग ने पूरी कर ली है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत काजू पौधा लगाने की जिम्मेदारी जिला कृषि विभाग को दी गई, लेकिन अभी तक इसपर काम नहीं शुरू हो सका है।

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