रांची: भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने रघुवर सरकार पर धर्मांतरण रोकने और सरना कोड लागू कराने का दबाव बढ़ा दिया है। प्रदेश भाजपा मुख्यालय में शनिवार को हुई एसटी मोर्चा की बैठक में मोर्चा के नेताओं ने वहां मौजूद मुख्यमंत्री रघुवर दास से सरना कोड लागू करने और धर्मांतरण पर रोक लगाने की मांग की। नेताओं ने कहा कि जब तक धर्मांतरण पर रोक नहीं लगेगी, सरना धर्मावलंबियों का विकास नहीं होगा। उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति नहीं सुधर पायेगी। विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि झारखंड में मिशन के तहत धर्मांतरण कराया जा रहा है। धर्मांतरण रोकने के लिए भाजपा जनआंदोलन शुरू करेगी। भाजपा के कार्यकर्ता इस मुद्दे को लेकर लोगों के बीच जायेंगे।
एसटी मोर्चा के अध्यक्ष रामकुमार पाहन ने कहा कि झारखंड में 26 फीसदी आदिवासी रहते हैं। सरना कोड लागू नहीं होने के कारण इनका हक मारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण कर इसाई बनने वाले लोग अल्पसंख्यकों और आदिवासियों दोनों को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। मोर्चा के माध्यम से भाजपा की नीतियों और कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। रामकुमार पाहन ने झामुमो पर निशाना साधते हुए कहा कि अब बाप-बेटा की राजनीति नहीं चलने वाली है। जनता समझ चुकी है कि झामुमो पेट और भोग की राजनीति करता है।
10 मई को कोल्हान में एसटी मोर्चा की बैठक
बैठक में आदिवासियों के धार्मिक स्थल (सरना-मसना) की घेराबंदी और सौंदर्यीकरण का निर्णय हुआ। 10 मई को कोल्हान में एसटी मोर्चा की बैठक करने का फैसला लिया गया। संचालन मोर्चा के महामंत्री बिंदेश्वर उरांव एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश उपाध्यक्ष कमलेश उरांव ने किया। बैठक में विधायक मेनका सरदार, हरेकृष्ण सिंह, कमलेश उरांव, सुनील फकीरा कच्छप, अशोक बड़ाइक, अशेष बारला, नकुल तिर्की, शोभा सामंत, लखन मार्डी, प्रेम सागर मुंडा, अनु लकड़ा, मोहन सिंह चेरो, लखी हेंब्रम, सुरेश मुर्मू, रमेश टुडू, मनोज नगेसिया, सुमन कच्छप, नूतन पाहन, सिदाम सिंह मुंडा, जगरनाथ भगत, दिलीप हेंब्रम और बिशु टुडू मौजूद थे।
विकास विरोधी ताकतें फैला रहीं भ्रम: रघुवर
मोर्चा की बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि जनजाति समाज के बीच विकास विरोधी ताकतें भ्रम और संशय की स्थिति पैदा करके समाज और राज्य का विकास रोकना चाहती हैं। इसे दूर कर विकास के मार्ग को प्रशस्त करने का काम अनुसूचित जनजाति मोर्चा के कार्यकर्ताओं का है। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 सालों के बाद भी झारखंड के जनजाति समाज के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गांवों में सुविधाएं नहीं पहुंच सकी हैं। इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाये हंै। केंद्र और राज्य सरकार की अधिकांश योजनाएं इसी समाज के लिए बन रही हैं। सीएम ने कहा कि मोर्चा के कार्यकर्ता गांव की जनता को बिचौलियों से मुक्त करा कर सरकार की योजनाओं से सीधे लाभान्वित करायें। उन्होंने जनजाति समाज की संस्कृति से खिलवाड़ करनेवाली ताकतों से भी समाज को सचेत रहने का आग्रह किया।