साहेबगंज: सभा को संबोधित करते हुए परिवहन एवं जहाज रानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हिन्दुस्तान के इतिहास में यह पुल मील का पत्थर साबित होगा। दो राज्यों को जोड़नेवाला यह सबसे बड़ा ब्रिज है। यह पुल छह किलोमीटर का है। एप्रोच रोड की दूरी 22 किलोमीटर के करीब है। इस पुल के निर्माण से पूर्णिया की दूरी अब 72 किलोमीटर रह जायेगी। इससे 78 किलोमीटर की दूरी कम हो जायेगी। कहा कि जल मार्ग को सरकार बढ़ावा दे रही है। इसके पीछे मकसद है कि यह सस्ता है। मंत्री ने कहा कि जगह देंगे तो यहां स्मार्ट सिटी बनायेंगे। दस हजार को रोजगार मिलेगा। स्वच्छ भारत और प्रदूषण मुक्त भारत बनाने की दिशा में काम हो रहा है। वाराणसी से हल्दिया तक 1380 किलोमीटर जलमार्ग का निर्माण किया जा रहा है।
अरसे से हो रही थी मांग : लुइस
मंत्री लुइस मरांडी ने स्वागत भाषण करते हुए कहा कि इस पुल की मांग दशकों से की जा रही थी। इस पुल के निर्माण से झारखंड बिहार का सीधा संपर्क हो जायेगा। 2266 करोड़ की लागत से पुल बनेगा। साथ ही 310 किलोमीटर साहेबगंज-गोविंदपुर सड़क के निर्माण जीवन स्तर में सुधार होगा।
45 मिनट तक प्रधानमंत्री ने दिया भाषण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 45 मिनट तक जोश-खरोस के साथ भाषण देते रहे। इस दौरान उन्होंने वीर क्रांतिकारी, विकास से लेकर देश की उन्नति तक की चर्चा की। भाषण की शुरुआत उन्होंने संथाली भाषा में की। इसके बाद जोहार से अभिभाषण की शुरुआत की। संथाली भाषा में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सिद्धो-कान्हू, नीलांबर-पीतांबर की धरती को नमन करता हूं। यहां के माता-पिता को प्रणाम करता हूं। हमें आपका आशीर्वाद चाहिए। जोहार।

कार्यक्रम में उपस्थित
कार्यक्रम में झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीएन पटेल, मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, रणधीर सिंह, लुइस मरांडी, राज पलिवार, विधायक अनंत ओझा, ताला मरांडी, जेबी तुबिद, प्रतुल शाहदेव, गणेश मिश्र।

नियुक्ति पत्र और स्मार्ट फोन पाकर खिले चेहरे
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांकेतिक रूप से आदिम जनजाति बटालियन के पांच आरक्षी और सखी मंडल की पांच महिलाओं को स्मार्ट फोन दिया। नियुक्ति पत्र पानेवालों में गुमला की पूर्णिमा कुमारी, सुनीता बेक, लहरी कुमारी, लातेहार की शांति कुमार और गोड्डा की उषा कुमारी शामिल थीं। स्मार्ट फोन पानेवालों में साहेबगंज की मीना देवी, जमशेदपुर की उर्मिला सोरेन, रांची की रिजरेन टोप्पो, खूंटी की सुनीता कच्छप और पलामू की बिंदु देवी शामिल थीं।

पहाड़िया बटालियन से सशक्त होगा पहाड़िया समुदाय
प्रधानमंत्री नरेंद मोदी द्वारा गुरुवार को आदिम जनजाति पहाड़िया बटालियन के नवनियुक्त 956 आरक्षियों को प्रमाण पत्र सौंपे गये। इनमें 689 पुरुष 252 महिला हैं। पहाड़िया बटालियन में पहाड़िया समुदाय के अधिकतर अभ्यर्थी अपने-अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं जो सरकारी सेवा में आये हैं। उक्त दोनों बटालियनों में नियुक्ति को लेकर इन समुदायों के लिए सामान्य प्रक्रियाओं में छूट प्रदान की गयी। नियुक्ति नियमावली में विधिवत संशोधन करते हुए ढील दी गयी, जिससे इन आदिम जनजातियों को नियुक्ति प्रक्रिया में पूर्ण लाभ मिल सके। साथ ही झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा सामान्य आरक्षी के पदों पर नियुक्ति हेतु अलग से परीक्षा ली गयी। इस राज्य में कुल 32 जनजातियां निवास करती हैं। जनजाति समुदायों में शिक्षा एवं विकास का अभाव है जिसके फलत: ये मुख्यधारा से अलग होते जा रहे हैं। बटालियन का उद्देश्य है कि इनके जीवन स्तर को उपर उठाना, आर्थिक पिछडेपन को दूर करना, इन्हें विकास के मुख्यधारा में लाने एवं इनके लिए रोजगार के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराना है।

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