नई दिल्ली/लखनऊ: बाबरी मस्जिद को विध्वंस मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी के तमाम नेताओं के सामने मुश्किलें खड़ी हो गयी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने राहत न देते हुए इलाहबाद हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया और साथ ही बाबरी मस्जिद को ढहाने में साजिश रचने के आरोप में बीजेपी के 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले में ट्रायल चलाने के आदेश दिए है।
जिसके बाद से बीजेपी के तामाम नेताओं की प्रक्रिया भी आनी शुरू हो गयी है, बाबरी मस्जिद ढहाए जाने में साजिश रचने में शामिल उमा भारती ने इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि कि इसमें कुछ भी छिपा नहीं है, सब कुछ खुल्लम खुल्ला हुआ है।
केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि वह हम किसी साजिश की आशंका को सिरे से खारिज करते हैं, बाबरी मस्जिद ढहाए जाने को लेकर उनकी भूमिका खुली किताब की तरह है। यहीं नहीं उमा भारती ने कहा कि राम जन्मभूमि अयोध्या, गंगा और तिरंगे को बचाने के लिए वह हमेशा लड़ती रहेंगी। उमा भारती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें जो भी सजा देगा, वह उन्हें मंजूर होगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज उमा भारती अयोध्या भी जाएंगी, जहां वह भगवान राम के दर्शन करेंगी। इसके साथ ही उमा भारती ने कहा कि राममंदिर को लेकर ही बीजेपी आज यहां तक आ पहुंची है, इसमें कोई दोहराय की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि राममंदिर आंदोलन में 6 दिसम्बर को वह शामिल थी, और आगे भी शामिल रहेंगी।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अब राममंदिर बनने का समय आ गया है, उन्होंने कहा कि रामलला के दर्शन के बाद वहां से संकल्प लूंगी कि राम मंदिर बनके ही रहेगा। साथ ही उन्होंने विरोधिओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मेरा इस्तीफा मांगने वाले 1984 के सिख दंगों को देख लें, उसके बाद ही किसी पर टिप्पणी करें।
क्या है मामला
आपो बतादें कि 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने में बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं की अहम् भूमिका की बात की जा रही है, वहीँ पूरे घटनाक्रम में सीबीआई की जांच पर इलाहबाद हाईकोर्ट ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं (लालकृष्ण आडवानी, मुरलीमनोहर जोशी, उमा भारती कल्याण सिंह) आदि पर साजिश रचने की धारा को हटाने का फैसला सुनाया था, जिसे सीबीआई की याचिका के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इसके साथ-साथ अदालत नें यह भी साफ कर दिया कि 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने में साजिश रचने वाले सभी आरोपिओं के खिलाफ ट्रायल चलेगा।