नयी दिल्ली: देशभर में एक मई से पीएम समेत मंत्रियों और अफसरों की गाड़ियों पर बत्ती लगाना बैन कर दिया गया है। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को यह फैसला किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब सिर्फ एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस डिपार्टमेंट जैसी इमरजेंसी सर्विसेज के व्हीकल्स पर ही नीली बत्ती लगायी जा सकेगी।
कानून में किया जायेगा बदलाव
इस बारे में अरुण जेटली ने बताया कि 1989 के सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट में दो बड़े बदलाव किये जायेंगे। ये गाड़ियों पर लाल, नीली बत्ती लगाने से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि एक मई से नीली बत्ती एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और पुलिस जैसी इमरजेंसी सर्विस के व्हीकल्स पर लगायी जा सकेगी। जेटली ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट के नियम 108 (्र) और 108 (्र्र्र) के तहत केंद्र और राज्य सरकारों के वीआइपी की गाड़ियों में लाल बत्ती लगाने का हक मिला हुआ है, लेकिन अब इस नियम को भी रद्द किया जा रहा है। यानी अब देशभर में किसी भी गाड़ी पर लाल बत्ती नहीं लगायी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि नियम 108 (2) में राज्य सरकारों को वीआइपी की गाड़ियों पर नीली बत्ती लगाने का हक है, लेकिन अब इस नियम में भी बदलाव किया जा रहा है।
गडकरी ने सबसे पहले हटायी लालबत्ती
गडकरी लालबत्ती छोड़नेवाले मोदी कैबिनेट के पहले मंत्री हैं। उन्होंने बुधवार को अपनी सरकारी गाड़ी से लालबत्ती हटा दी। इस बारे में उन्होंने कहा, यह सरकार आम आदमी की सरकार है, जिसने फैसला किया है कि लालबत्ती और सायरन के इस्तेमाल वाला वीआइपी कल्चर खत्म किया जाये। गडकरी के अलावा कई और केंद्रीय मंत्रियों ने अपनी गाड़ियों पर बुधवार से ही लाल बत्ती का इस्तेमाल बंद कर दिया है।
पीएमओ में डेढ़ साल से पेंडिंग था मामला
बताया जा रहा है कि सरकारी गाड़ियों पर बत्ती का इस्तेमाल खत्म करने के लिए रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्टरी काफी वक्त से काम कर रही थी। पीएमओ में यह मामला करीब डेढ़ साल से पेंडिंग था। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पीएमओ ने एक मीटिंग भी की थी, जिसमें कई बड़े आॅफिसर्स से बात की थी। फैसला कैसे लागू किया जाये, इस पर ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने अपनी ओर से 5 आॅप्शन दिये थे।
क्या थे आॅप्शन?
रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने लाल बत्तीवाली गाड़ियों के इस्तेमाल के मुद्दे पर कई सीनियर मंत्रियों से चर्चा की, जिसके बाद उन्होंने पीएमओ को कई विकल्प दिये थे। इन विकल्पों में एक यह था कि लालबत्तियों वाली गाड़ी का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद किया जाये। दूसरा विकल्प यह कि संवैधानिक पदों पर बैठे पांच लोगों को ही इसके इस्तेमाल का अधिकार हो। इनमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और लोकसभा स्पीकर शामिल हों। हालांकि, पीएम ने किसी को भी रियायत न देने का फैसला किया।
पंजाब में लालबत्ती पूरी तरह बैन
पंजाब में हाल ही में बनी कांग्रेस सरकार ने लालबत्ती का इस्तेमाल पूरी तरह बैन कर दिया है। सीएम अमरिंदर सिंह ने अपनी पहली ही कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला किया था। इसके तहत राज्य का कोई भी अफसर, मंत्री या विधायक अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती नहीं लगा सकेगा। पंजाब चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने भी वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो, वे लालबत्ती कल्चर खत्म कर देंगे।
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