हजारीबाग: शहर के विभिन्न अखाड़ों समेत सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के अखाड़ों की मनमोहक झांकियों के शांतिपूर्वक परिभ्रमण के साथ ही जिले की ऐतिहासिक रामनवमी महापर्व का समापन श्ुाक्रवार देर शाम संपन्न हो गया। करतब दिखाने के क्रम में लगभग सात सौ लौगों को चोटे आयी हैं।, घायलों का इलाज सदर अस्पताल में किया गया। गंभीर रूप से जख्मी 13 लोगों को रांची रिम्स भेजा गया है। ऐतिहासिक जुलूस को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। परंपरागत सुभाष मार्ग द्वार पर प्रशासन का वाच टावर लगाया गया था, जहां डीआइजी भीमसेन टूटी, डीसी रविशंकर श्ुाक्ला, प्रशिक्षु आइएएस रामनिवास यादव, एसपी अनुप बिरथरे और एसडीओ शशि रंजन सहित अन्य पदाधिकारी जुलूस की गतिविधियों पर निगाहें जमाये थे।

वहीं पुलिस कंट्रोल रूम में सीसीटीवी कैमरें तथा ड्रोन से अवांक्षित गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही थी। जुलूस के सुचारू संचालन के लिए प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, रैफ, जिला बल, महिला बल, जगुआर समेत अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी थी। मेले में आसन्न भीड़ को देखते हुए विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं और क्लबों द्वारा जगह जगह चिकित्सा शिविर और अल्पाहार के कैंप भी लगाए गए थे, जो मेले में आये लोगों को अपनी सेवाएं दे रहे थे।
परंपरागत सुभाष मार्ग से सर्वप्रथम निकली हरीनगर की झांकी
शुक्रवार सुबह लगभग 5:30 बजे हरीनगर की झांकी को सर्वप्रथम पुलिस की कड़ी निगरानी में सुभाष मार्ग से होकर निकाला गया। 12 बजे से लेकर दिन के दो बजे
दिन तक नमाज के समय जुलूस को आपसी सहमति से रोक दिया गया था।

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