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    Home»देश»EVM पर सवाल: कांग्रेस-आप पहुंची चुनाव आयोग,कहा-बैलट पेपर से हो मतदान
    देश

    EVM पर सवाल: कांग्रेस-आप पहुंची चुनाव आयोग,कहा-बैलट पेपर से हो मतदान

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीApril 1, 2017No Comments7 Mins Read
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    मध्य प्रदेश के भिंड जिले में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस केंद्रीय चुनाव आयोग पहुंची। उसने बैलट पेपर के जरिए मतदान कराने की मांग की। गौरतलब है कि भिंड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए ईवीएम के मॉक ड्रिल के दौरान कोई भी बटन दबाने पर बीजेपी को वोट जाने का मामला सामने आया है। क्षेत्र में नौ अप्रैल को मतदान होगा।

    बैलट पेपर से हो मतदान

    ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनाव आयोग पहुंचे। चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि मशीनों में गड़बड़ है और उसके भीतर छेड़छाड़ की गई है।

    EVM पर चुनाव आयोग गलत कह रहा है। मशीन का सॉफ्टफेयर बदला गया है। केजरीवाल ने कहा कि देश में दोबारा बैलेट पेपर से वोटिंग हो।

    ईवीएम पर भरोसा नहीं

    वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। मुलाकात के बाद दिग्विजय ने कहा कि चुनाव आयोग से पूरी मामले की जांच करने और मतपत्रों के जरिए मतदान कराने की मांग गई है। उन्होंने कहा, ‘मुझे शुरू से ईवीएम पर भरोसा नहीं था। जब सारे विश्व में चुनाव मतपत्र से हो रहे हैं, तो हमें क्यों ऐतराज होना चाहिए।’

    इससे पहले कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण यादव ने मुख्य चुनाव आयोग नसीम जैदी को पूरे प्रकरण की शिकायत करते हुए पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए मतदान मतपत्रों के जरिए कराना चाहिए। उन्होंने पूरे मामले की उच्च स्तरीय या केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की है।

    चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट

    चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के भिंड में जिला निवार्चन अधिकारियों से मीडिया में आ रहीं उन रिर्पोटों पर विस्तृत जानकारी मांगी है जिनमें कहा जा रहा है कि एक अभ्यास कार्यक्रम के दौरान वीवीपीएटी से केवल बीजेपी के निशान वाली पर्चियां ही निकल रही थीं। भिंड में अगले सप्ताह उपचुनाव होना है और यह अभ्यास के लिए किया जा रहा था। आयोग के एक प्रवक्ता कहा, हमने जिला निवार्चन अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और शाम तक हम इस संबंध में कोई जवाब देंगे।

    वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) एक ऐसी मशीन होती है जिससे निकली पर्ची यह दिखाती है कि मतदाता ने किस पार्टी को वोट दिया है। मतदाता केवल सात सेकेंड तक इस पर्ची को देख सकता है इसके बाद यह एक डिब्बे में गिर जाती है और मतदाता इसे अपने साथ नहीं ले जा सकता। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभ्यास के दौरान चाहे जो भी बटन दबाया गया उससे निकली सारी पर्चियां यह दिखा रही थीं कि वोट बीजेपी को गया है।

    रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि मध्य प्रदेश की मुख्य चुनाव अधिकारी सलीना सिंह ने पत्रकारों को समाचार पत्रों में यह न्यूज नहीं देने वर्ना उन्हें पुलिस थाने में हिरासत में रखा जाएगा यह कहते देखा गया था। दूसरी ओर EVM मशीन में कथित गड़बड़ी वाले इस खबर पर कांग्रेस सक्रिय हो गई है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल इस मामले पर चुनाव आयोग से मुलाकात करेगा।

    सुप्रीम कोर्ट ने भी जारी कर चुका है नोटिस

    आपको बता दें कि एक सप्ताह पहले ही चुनावों में वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया। CJI की कोर्ट ने यह नोटिस वकील मनोहर लाल शर्मा की जनहित याचिका परजारी किया। शर्मा ने पांच राज्यों हुए चुनावों को मिली भारी जीत पर सवाल उठाया और कहा है वोटिंग मशीनों में छेड़छाड़ की गई है। ऐसे ही आरोप बसपा की अध्यक्ष मायावती ने लगाए हैं।

    हाल ही में संपन्न यूपी विधानसभा चुनावों में बसपा की करारी हार हुई है। हालांकि चुनाव आयोग ने मायावती के आरोपों का जोरदार खंडन किया है। आयोग ने कहा है कि आजतक ये कोई सिद्ध नहीं कर पाया है कि वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ हो सकती है। जबकि कई बार लोगों को ये मौका दिया गया। शीर्ष कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले शर्मा ने मांग की है वोटिंग मशीनों का टेंपर टेस्ट विदेशी विशेषज्ञों से करवाया जाए। गौरतलब कि पंजाब में हारी आम आदमी पार्टी ने भी मशीनों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।

    मध्य प्रदेश के भिंड जिले में इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस केंद्रीय चुनाव आयोग पहुंची। उसने बैलट पेपर के जरिए मतदान कराने की मांग की। गौरतलब है कि भिंड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए ईवीएम के मॉक ड्रिल के दौरान कोई भी बटन दबाने पर बीजेपी को वोट जाने का मामला सामने आया है। क्षेत्र में नौ अप्रैल को मतदान होगा।

    बैलट पेपर से हो मतदान

    ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनाव आयोग पहुंचे। चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि मशीनों में गड़बड़ है और उसके भीतर छेड़छाड़ की गई है। EVM पर चुनाव आयोग गलत कह रहा है। मशीन का सॉफ्टफेयर बदला गया है। केजरीवाल ने कहा कि देश में दोबारा बैलेट पेपर से वोटिंग हो।

    ईवीएम पर भरोसा नहीं

    वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात की। मुलाकात के बाद दिग्विजय ने कहा कि चुनाव आयोग से पूरी मामले की जांच करने और मतपत्रों के जरिए मतदान कराने की मांग गई है। उन्होंने कहा, ‘मुझे शुरू से ईवीएम पर भरोसा नहीं था। जब सारे विश्व में चुनाव मतपत्र से हो रहे हैं, तो हमें क्यों ऐतराज होना चाहिए।’

    इससे पहले कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण यादव ने मुख्य चुनाव आयोग नसीम जैदी को पूरे प्रकरण की शिकायत करते हुए पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए मतदान मतपत्रों के जरिए कराना चाहिए। उन्होंने पूरे मामले की उच्च स्तरीय या केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने की मांग की है।

    चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट

    चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के भिंड में जिला निवार्चन अधिकारियों से मीडिया में आ रहीं उन रिर्पोटों पर विस्तृत जानकारी मांगी है जिनमें कहा जा रहा है कि एक अभ्यास कार्यक्रम के दौरान वीवीपीएटी से केवल बीजेपी के निशान वाली पर्चियां ही निकल रही थीं। भिंड में अगले सप्ताह उपचुनाव होना है और यह अभ्यास के लिए किया जा रहा था। आयोग के एक प्रवक्ता कहा, हमने जिला निवार्चन अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और शाम तक हम इस संबंध में कोई जवाब देंगे।

    वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपीएटी) एक ऐसी मशीन होती है जिससे निकली पर्ची यह दिखाती है कि मतदाता ने किस पार्टी को वोट दिया है। मतदाता केवल सात सेकेंड तक इस पर्ची को देख सकता है इसके बाद यह एक डिब्बे में गिर जाती है और मतदाता इसे अपने साथ नहीं ले जा सकता। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभ्यास के दौरान चाहे जो भी बटन दबाया गया उससे निकली सारी पर्चियां यह दिखा रही थीं कि वोट बीजेपी को गया है।

    रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि मध्य प्रदेश की मुख्य चुनाव अधिकारी सलीना सिंह ने पत्रकारों को समाचार पत्रों में यह न्यूज नहीं देने वर्ना उन्हें पुलिस थाने में हिरासत में रखा जाएगा यह कहते देखा गया था। दूसरी ओर EVM मशीन में कथित गड़बड़ी वाले इस खबर पर कांग्रेस सक्रिय हो गई है। कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल इस मामले पर चुनाव आयोग से मुलाकात करेगा।

    सुप्रीम कोर्ट ने भी जारी कर चुका है नोटिस

    आपको बता दें कि एक सप्ताह पहले ही चुनावों में वोटिंग मशीनों की विश्वसनीयता पर सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया। CJI की कोर्ट ने यह नोटिस वकील मनोहर लाल शर्मा की जनहित याचिका परजारी किया। शर्मा ने पांच राज्यों हुए चुनावों को मिली भारी जीत पर सवाल उठाया और कहा है वोटिंग मशीनों में छेड़छाड़ की गई है। ऐसे ही आरोप बसपा की अध्यक्ष मायावती ने लगाए हैं।

    हाल ही में संपन्न यूपी विधानसभा चुनावों में बसपा की करारी हार हुई है। हालांकि चुनाव आयोग ने मायावती के आरोपों का जोरदार खंडन किया है। आयोग ने कहा है कि आजतक ये कोई सिद्ध नहीं कर पाया है कि वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ हो सकती है। जबकि कई बार लोगों को ये मौका दिया गया। शीर्ष कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले शर्मा ने मांग की है वोटिंग मशीनों का टेंपर टेस्ट विदेशी विशेषज्ञों से करवाया जाए। गौरतलब कि पंजाब में हारी आम आदमी पार्टी ने भी मशीनों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है।

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