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भोपाल। मध्यप्रदेश में पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बीच रविवार को भिड़ंत देखने को मिली थी। दोनों मंगलवार को फिर एक-दूसरे के आमने-सामने नजर आये। राज्य में पिछले दो दिनों से मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों और सहयोगियों के विभिन्न ठिकानों पर छापा मारा जा रहा था। इसके कारण पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों में तनातनी की स्थिति पैदा हो गयी। अब सीआरपीएफ का कहना है कि पुलिस ने उन्हें गालियां दीं।

मुख्यमंत्री के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ के सहयोगी अश्विन शर्मा के घर आयकर विभाग के छापे पर सीआरपीएफ के एमएस वर्मा ने कहा, ‘राज्य पुलिस को नहीं पता था कि ऐसा कोई आॅपरेशन होने वाला है। एसएचओ शायद असुरक्षित हो गये थे। उन्होंने मुझसे कहा कि हम क्यों इस क्षेत्र में बिना उनकी इजाजत के आॅपरेशन कर रहे हैं।’ वर्मा ने आगे कहा, ‘मैं उन्हें केवल यह बता सकता था कि यह आपके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। हम सरकार के आदेशों का पालन कर रहे हैं। छापेमारी अब खत्म हो चुकी है। संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी और डीएसपी ने सीआरपीएफ के साथ बदसलूकी की और हमें गालियां दीं। चूंकि मामला बहुत ऊंचे स्तर पर चला गया है। ऐसे में यदि मुझसे पूछा जायेगा तो मैं निश्चित तौर पर इसके बारे में बताउंगा।’

इससे पहले छापेमारी के दौरान पुलिस और सीआरपीएफ के बीच हुई तकरार के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा था, ‘हमारा सीआरपीएफ से कोई टकराव नहीं है। लेकिन सूबे की कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी हमारे पास है। अगर किसी केंद्रीय एजेंसी के कारण सूबे की आम जनता को कोई दिक्कत होगी या कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का खतरा पैदा होगा, तो हम जरूर उचित कदम उठायेंगे।’

बता दें कि कमलनाथ के करीबियों के 50 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। रविवार तड़के छापेमारी की यह कार्रवाई कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़, सलाहकार रहे आरके मिगलानी, रिश्तेदार रतुल पुरी, दीपक पुरी और मोजरबियर और अमिरा कंपनी के भोपाल, इंदौर, दिल्ली और गोवा स्थित ठिकानों पर की गयी थी। छापेमारी के दौरान भोपाल में प्लेटिनम प्लाजा स्थित प्रतीक जोशी के घर से नौ करोड़ रुपये नकद मिले थे।

हाइकोर्ट पहुंचे कमलनाथ के निजी सचिव, कल सुनवाई

मध्यप्रदेश में आयकर के छापों को चुनौती देने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव प्रवीण कक्कड़ के वकील ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 11 अप्रैल नियत की गयी है।

कमलनाथ ने साधा निशाना

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य में पड़ रहे आयकर छापों को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने मंगलवार को कहा, ‘वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि वे चुनाव हारने जा रहे हैं और उनके पास यही रणनीति बची है।

 

कैश का हिस्सा एक बड़ी राजनीतिक पार्टी को ट्रांसफर किया गया

इससे पहले दिल्ली से आयी आयकर विभाग की छापे की कार्रवाई में 281 करोड़ रुपये के बेहिसाबी कैश रैकेट का पता चला था। सीबीडीटी ने बताया था कि राजनीति, व्यापार और सरकारी सेवाओं से जुड़े लोगों के जरिये यह रकम इकट्ठा की गयी थी। सीबीडीटी के मुताबिक, कैश का एक हिस्सा हवाला के जरिये दिल्ली स्थित एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय में भी ट्रांसफर किया गया। इसमें 20 करोड़ रुपये की वह रकम भी शामिल है, जिसे हाल ही में पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के तुगलक रोड स्थित आवास से पार्टी मुख्यालय में भेजा गया था। हालांकि, सोमवार को सीबीडीटी की तरफ से जारी बयान में किसी नेता विशेष के नाम का जिक्र नहीं किया गया।

अश्विन शर्मा- प्रतीक जोशी के यहां 10.46 करोड़ कैश मिला

अश्विन शर्मा और प्रतीक जोशी के यहां सोमवार सुबह 1.46 करोड़ रुपये की नकदी की और बरामदगी की गयी। इसके बाद दो दिन की कुल जमा नकदी 10.46 करोड़ रुपये हुई। इसके अलावा 281 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन के प्रमाण भी मिले। कैश अधिक होने के कारण आयकर विभाग की टीम ने एटीएम में कैश डालने वाली एजेंसी कैश रिप्लेसमेंट एजेंसी (सीआरए) की वैन बुलायी। इसके जरिए सारा कैश पांच बड़े बॉक्स में भरकर बैंकों में जमा कराने भेजा गया।

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