नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर पिछले लोकसभा चुनाव में लोगों से झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि पार्टी के घोषणा पत्र में एक भी झूठा वादा नहीं किया गया है और यह पूरी तरह सच्चाई तथा लोगों की आकांक्षाओं पर आधारित है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी की मौजूदगी में लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी का घोषणा पत्र ‘जन आवाज’ जारी करते हुए राहुल ने कहा कि यह दस्तावेज बंद कमरे में बैठ कर नहीं, बल्कि देश के कोने-कोने में बैठे लाखों लोगों से बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र समिति से साफ-साफ कह दिया गया था कि पार्टी ऐसा कोई वादा नहीं करेगी, जिसे पूरा करना संभव नहीं है। इसीलिए केवल ऐसे वादे किये गये हैं, जो वास्तविक रूप से पूरे किये जा सकें। कांग्रेस के घोषणा पत्र में किये गये प्रमुख वादे इस प्रकार हैं:
पार्टी ने कहा है कि जहां एक तरफ बेरोजगारी देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, वहीं दूसरी तरफ रोजगार सृजन अर्थव्यवस्था की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पिछले 5 वर्षों में बेरोजगारी दर में बेतहाशा वृद्धि हुई है, सरकार के खुद के आंकड़ों के अनुसार यह 45 साल के उच्चतम स्तर 6.1 प्रतिशत तक पहुंच गयी है। जबकि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार बेरोजगारी की दर 7.2 प्रतिशत है। फरवरी के अंत तक, लगभग 3.1 करोड़ लोग नौकरी की तलाश में थे, आकंड़े बता रहे हैं कि कुल रोजगार में कमी आयी है, श्रम भागीदारी दर में कमी आयी है और बड़े पैमाने पर वर्तमान नौकरियां खत्म हो रही हैं। बढ़ती बेरोजगारी और मौजूदा नौकरियों के खत्म होने से, सभी वर्ग महिला, युवा, छोटे व्यापारी, व्यवसायी, किसान, दिहाड़ी मजदूर और खेतिहर मजदूर बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
कांग्रेस ने 1991 में नयी औद्योगिक नीति के साथ उदारीकरण की शुरुआत की थी। आज वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, कांग्रेस एक दूरदर्शी प्रगतिशील औद्योगिक नीति बनायेगी। भाजपा सरकार ने सिर्फ खोखले नारे लगाये हैं, औद्योगिक क्षेत्र में सकल पूंजी निर्माण दर या उद्योग क्षेत्र के विकास के आंकडेÞ निराशाजनक सच्चाई को बयान कर रह हैं। कांग्रेस उद्योग जगत के इन निराशाजनक आंकड़ों को बदलने का वायदा करती है।
कांग्रेस का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी समस्या कमजोर बुनियादी ढांचा है। दोषपूर्ण डिजाइन, ठीक से न बनाना, अपर्याप्त क्षमता तथा बुनियादी ढांचे के रखरखाव के निम्नतर स्तर ने, भारत की विकास दर को कम कर दिया है। कांग्रेस उचित नियोजन, प्रौद्योगिकी, गुणवत्ता के साथ-साथ जवाबदेही तय करते हुए, इन कमियों को दूर करगी। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सभी उपलब्ध मॉडल – सार्वजनिक क्षेत्र, निजी क्षेत्र और सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की संयुक्त भागीदारी का इस्तेमाल किया जायेगा। सड़क, रेलवे मार्ग और विद्युत अति आवश्यक बुनियादी सुविधा क्षेत्र होने के साथ-साथ आम जनता के हित के लिए आवश्यक हैं।
घोषणापत्र में कहा गया है कि भारत का तेजी से शहरीकरण हो रहा है, देश की कुल आबादी का 34 प्रतिशत कस्बों और शहरों में निवास करता है और यह संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। पूरी दुनिया की तरह भारत के शहर भी विकास के केंद्र बन सकते हैं। जेएनएनयूआरएम के स्थान पर भाजपा सरकार द्वारा लाया गया स्मार्ट सिटी अभियान पूरी तरह से असफल रहा है, जिसमें बेवजह पैसे की बर्बादी के अलावा कोई लाभ नहीं हुआ है।
5. ग्रामीण विकास
कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क पुल, जल आपूर्ति, स्वच्छता, बिजली और स्कूल सहित सभी प्रकार के बुनियादी ढांचे का विस्तार एवं गुणवत्ता में सुधार का वायदा करती है।
6. अनौपचारिक और असंगठित क्षेत्र
कांग्रेस असंगठित और अनौपचारिक क्षेत्र में कार्यरत करोड़ों श्रमिकों और स्वरोजगार करने वाले उद्यमियों के जीवन को सुलभ बनाने के लिए विशेष प्रयोजन करगी।
7. कृषि, किसान और कृषि श्रमिक
प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि सब कुछ इंतजार कर सकता है पर कृषि नहीं। लेकिन, पिछले पांच वर्षों के भाजपा राज में कृषि क्षेत्र गहर संकट में चला गया है। पिछले चार साल में उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं दिया गया, फसल खरीद केंद्र या तो थे ही नहीं या वहां पर पूरी तरह से खरीद हुई ही नहीं है, किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया, कृषि लागत लगातार बढ़ती गयी, कृषि ऋण सुविधा अनुपलब्ध थी या अपर्याप्त थी, नोटबंदी ने नकद आधारित कृषि व्यवस्था को झकझोर दिया है, सहकारी ऋण समितियों तथा सहकारी बैंकों ने किसानों की जमा-पूंजी को सहकारी ऋण में परिवर्तित करने के अधिकार से किसानों को वंचित कर दिया, ज्यादातर व्यापार की शर्तें कृषि क्षेत्र के खिलाफ थीं, फसल बीमा योजना ने किसानों को लूटकर बीमा कंपनियों की जेब भरी, किसानों और खेतिहर मजदूरों को सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं मिली।
8. आर्थिक नीति
भारत एक विकासशील देश है, जो 2030 तक मध्यम आय वाला देश बनने का इच्छुक है। संपदा सृजन और जन कल्याण हमारे दो प्रमुख लक्ष्य हैं। कांग्रेस का आर्थिक दर्शन एक खुली और उदार अर्थव्यवस्था, धन का सृजन, सतत विकास, असमानताओं में कमी तथा सभी लोगों के कल्याण पर आधारित है। इस तरह की वृद्धि निजी क्षेत्र कार्य कुशल सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा सामाजिक सुरक्षा की प्रणाली को रेखांकित करके ही आयेगी। हमारी अर्थव्यवस्था अभी भी अत्यधिक नियमों में जकड़ी हुई है, संरचनात्मक समस्याएं बरकरार हैं। सरकारी नियंत्रण और नौकरशाही का हस्तक्षेप बहुत अधिक है। नियमों ने नियंत्रक का रूप ले रखा है। आर्थिक नीतियों में न्यायालयों का हस्तक्षेप बढ़ रहा है। भाजपा सरकार ने सुधारों के पहिये को उल्टी दिशा में मोड़ दिया है। कांग्रेस इन विकृतियों में सुधार करने, उन्हें पूर्ववत करने और एक खुली और उदार बाजार अर्थव्यवस्था बहाल करने का वादा करती है।
9. न्यूनतम आय योजना
गरीबी उन्मूलन कांग्रेस का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य है, हम गर्व के साथ याद दिलाना चाहते हैं कि 2004-2014 के बीच यूपीए सरकार ने, 14 करोड़ लोगों को गरीबी से उभारा था। यह सच है कि तीव्र और व्यापक आधार वाला विकास, गरीबी को कम करेगा, और मध्यम या दी दीर्घावधि में गरीबी को खत्म कर देगा। दूसरी तरफ निर्णायक और लक्ष्य केंद्रित हस्तक्षेप, एक दशक के भीतर गरीबी को पूरी तरह समाप्त कर सकता है, इसलिए कांग्रेस 2030 तक गरीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित कर रही है।
10. कर निर्धारण और कर प्रणाली सुधार
आयकर और माल एवं सेवा कर अर्थव्यवस्था की रीढ़ होंगे, कांग्रेस मानती है और उसे पुन: दोहराती है कि कर सरल, पारदर्शी और प्रगतिशील होने चाहिए, इसके अलावा कर प्रशासन विश्वसनीय होना चाहिए, जिस पर करदाताओं को भी विश्वास हो, कांग्रेस उन सभी करों को समाप्त कर देगी जिन्होंने आम आदमी के साथ-साथ व्यवसायियों के मन में डर भरकर एक टैक्स-आतंक और अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया है।
11. बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र
कांग्रेस प्रतिस्पर्धी बैंकिग क्षेत्र में अपने विश्वास की पुष्टि करती है। भाजपा सरकार ने पिछले 5 वर्ष में बैंकिग क्षेत्र को काफी कमजोर किया है, गैर निष्पादित संपत्ति में काफी तेजी से वृद्धि हुई है। क्रोनी कैपिटलिज्म पनप रहा है तथा योग्य व्यक्तियों को ऋण से वंचित किया जा रहा है। कांग्रेस बैंकिग और वित्तीय क्षेत्रों में पनपी इन कुरीतियों को तुरंत समाप्त करगी।
12. विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार
विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में किया गया निवेश, देश के भविष्य के लिए निवेश होता है। वैज्ञानिक चेतना और खोजी प्रकृति भारत की प्रगति के लिए आवश्यक है।
कांग्रेस का घोषणा पत्र: रोजगार, किसान से खेल तक पार्टी ने किये कई वादे
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