पलामू, चतरा और लोहरदगा में लोकसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। इन तीनों संसदीय क्षेत्रों में 29 अप्रैल को मतदान होगा। इन सीटों पर अब प्रचार का भोंपू 27 अप्रैल की शाम को बंद हो जायेगा। प्रत्याशी घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क साधेंगे। झारखंड में पहले फेज के चुनाव की शुरुआत इन्हीं तीन सीटों से हो रही है। ऐसे में एनडीए और यूपीए नेता पहले दौर से ही अपना दबदबा कायम रखने की जी-तोड़ कोशिश में लगे हैं। भाजपा ने तीनों सीटों पर, जबकि कांग्रेस ने लोहरदगा और चतरा, जबकि राजद ने चतरा और पलामू में अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। चतरा में कांग्रेस और राजद दोनों पार्टियों के उम्मीदवार खड़े हैं, जिससे महागठबंधन के वोट दोनों ओर बंट रहे हैं। वर्तमान में ये तीनों सीटें भाजपा के पास हैं।
पार्टी इस बार भी इन्हें अपने पाले में करने की जुगत में है, लेकिन भाजपा उम्मीदवार को एक स्थानीय उम्मीदवार राहेंद्र साहू से भी चुनौती मिल रही है। जबकि कांग्रेस और राजद की कोशिश इस बार इस सीट पर कब्जा करने की है।
इन तीनों जगहों पर एक बार फिर भाजपा मुख्य टक्कर में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की आमसभा से उत्साहित भाजपा नेता तीनों सीटों पर जीत के दावे कर रहे हैं। वहीं, पलामू-चतरा में राजद के स्टार प्रचारक तेजस्वी यादव की सभा हो चुकी है। पलामू में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के अलावा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी भी तेजस्वी के साथ आ चुके हैं। पर, लोहरदगा या चतरा में कांग्रेस के बड़े नेताओं का अब भी इंतजार हो रहा है। लोहरदगा और पलामू संसदीय सीट पर आमने-सामने की लड़ाई है, जबकि चतरा में त्रिकोणीय संघर्ष है।
लोहरदगा में भाजपा के सुदर्शन भगत का मुकाबला कांग्रेस के सुखदेव भगत से है। इसी प्रकार पलामू में भाजपा के वीडी राम के सामने राजद के घूरन राम हैं। जबकि चतरा में भाजपा के सुनील सिंह, कांग्रेस के मनोज यादव और राजद के सुभाष यादव के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। लोहरदगा में कांग्रेस के सुखदेव भगत ने अपने बूते माहौल को नियंत्रित कर लिया है। पूर्व शिक्षा मंत्री और झाविमो के महासचिव बंधू तिर्की का साथ उन्हें मिल रहा है। झामुमो के हेमंत सोरेन ने भी वहां शंखनाद किया है। सुखदेव के सामने एक बड़ा खतरा झामुमो के चमरा लिंडा का था, लेकिन चमरा के मैदान में नहीं उतरने से कांग्रेस के वोट में सेंधमारी का चांस कम दिख रहा है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के बाद भाजपा कार्यकर्ता रेस हैं और क्षेत्र में मजबूती के साथ डटे हुए हैं।
चतरा में भाजपा प्रत्याशी के सामने पार्टी के एक बागी उम्मीदवार राजेंद्र साहू खड़े हैं। राजेंद्र चतरा जिला परिषद के उपाध्यक्ष हैं। वह भाजपा से टिकट के लिए प्रयासरत थे। टिकट नहीं मिलने के बाद वह निर्दलीय मैदान में हैं। इधर टिकट में विलंब और पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी से भाजपा की धार यहां थोडा कुंद दिख रही है। हार जीत अलग बात है लेकिन भाजपा प्रत्याशी को कार्यकर्ताओं की काफी जलालत झेलनी पड़ रही है।
हालांकि लंबे समय से संगठन का काम देख रहे भाजपा प्रत्याशी सुनील सिंह कार्यकर्ताओं की नब्ज को अच्छी तरह से पहचानते हैं और एक हद तक उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने पक्ष में मोल्ड करने में सफलता भी पायी है।
फिर भी सुनील सिंह के लिए उनके चंगू-मंगू ही परेशानी का कारण हैं। दूसरी तरफ चतरा में महागठबंधन है ही नहीं। महागठबंधन में कांग्रेस के खाते में यह सीट गयी थी, लेकिन राजद ने भी यहां प्रत्याशी को खड़ा कर दिया। राजद के सुभाष यादव ने चतरा में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करायी है। पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के प्रचार में आने से सुभाष यादव के समर्थक उत्साहित हैं। वहीं भाजपा को उम्मीद है कि महागठबंधन के वोट में बंटवारे के कारण उसकी स्थिति आसान होगी।
पलामू में भाजपा प्रत्याशी वीडी राम और राजद प्रत्याशी घूरन राम के बीच सीधी टक्कर है। एक तरफ भाजपा प्रत्याशी के साथ बूथ स्तर तक संगठन लगा हुआ है और इस क्षेत्र के एक विधानसभा को छोड़कर सभी पर उसके विधायक भी हैं। भाजपा प्रत्याशी राज्य के पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं, इस कारण एक वर्ग का झुकाव उन्हें सहज प्राप्त है। इससे पहले घूरन को संसद तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले पलामू के नेता गिरिनाथ सिंह भी भाजपा के साथ हो लिये हैं। वहीं, घूरन राम सहयोगी दलों का पूरा सहयोग लेने में जुटे रहे। घूरन राम के पास राजनीति का लंबा अनुभव तो है, लेकिन राजनीतिक चुनौतियों से पार पाने में उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। हालांकि पलामू में राजद का अपना आधार है। देखना होगा कि यह आधार घूरन के पक्ष में कितना तब्दील हो सकता है। राजद प्रत्याशी घूरन राम उसी वोट की गोलबंदी पर ध्यान केंद्रित किये हुए हैं।
इन तीनों सीटों पर चुनाव कराने के लिए प्रशासनिक तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एल ख्यांगते, अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे और मनीष रंजन इन संसदीय क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं।
तीनों सीट पर चुनाव के लिए 5624 बैलेट यूनिट और इतने ही कंट्रोल यूनिट लगायी जायेगी। इनमें 6074 वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। 252 सेक्टर फोर्स रहेगी, जिसमें मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे। इनके पास रिजर्व इवीएम भी होगी। कोई भी यूनिट खराब होने की स्थिति में उसे तुरंत बदला जायेगा। कुल मिला कर चुनावी मैदान सज चुका है। प्रत्याशी परीक्षा में बैठने की तैयारी कर चुके हैं। 29 अप्रैल को उनके परफार्मेंस के आधार पर जनता अपना फैसला सुनायेगी।
पलामू, चतरा और लोहरदगा में जनता ने बढ़ा दी है प्रत्याशियों की धड़कनें
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