फल विक्रेता को फोन पर जान से मारने की धमकी मिल रही है
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर कहा है कि पूरा देश कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। पर इस संकट काल में झारखंड सरकार के असंवैधानिक और तुष्टिकरण से भरे निर्णयों ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया है। उन्होंने पत्र में कहा है कि 25 अप्रैल को जमशेदपुर के कदमा में एक फल विक्रेता राजकुमार पर केस दर्ज करते हुए पुलिस उसे इसलिए परेशान करती है क्योंकि उन्होंने अपने फल के ठेले पर हिन्दू फल दुकान का बैनर लगा रखा था। तीव्र विरोध के बाद पुलिस अधिकारी की ओर से केस वापस लिया गया। पर उस फल विक्रेता को फोन पर जान से मारने की धमकी मिल रही है। सरकार के तुष्टिकरण और भेदभाव पूर्ण आदेशों ने राज्य की एकजुटता को गहरा नुकसान पहुंचाया है।
साजिशों की जांच होनी चाहिए
दोनों नेताओं ने कहा कि ऐसी साजिशों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तरफ फल विक्रेता जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं वहीं सत्ता से जुड़े छुटभैये नेता सुरक्षा गार्ड लेकर घूम रहे हैं। बीते दिनों सिसई में भीड़ ने एक आदिवासी परिवार पर हमला किया जिसमें एक की हत्या भी हुई पर इस संबंध में भी आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यहां तक की घटनाओं पर सख्ती दिखाने पर गुमला एसपी का ही ट्रांसफर कर दिया गया। लोहरदगा में सीएए समर्थन रैली पर हुए हमले और बाद में पुलिस की विशेष शाखा की रिपोर्ट में रोहिंग्या लोगों की संलिप्तता का खुलासा हुआ पर यहां भी तुष्टिकरण के कारण रिपोर्ट पर गंभीरता न दिखाते हुए सरकार ने डीएसपी का स्थानांतरण कर दिया। इसी तरह बीते दिनों देवघर के बाबा मंदिर के पास तीन अवैध पासपोर्ट के साथ एक संदिग्ध बांग्लादेशी पकड़ा गया पर सरकार ने इस खबर को भी छिपाने का प्रयास किया।
बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ आवाज उठायी है
उन्होंने कहा कि भाजपा ने इसके पूर्व भी राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठ के खिलाफ आवाज उठायी है। जब मंत्री आलमगीर आलम ने मजदूरों के नाम पर लॉक डाउन का घोर उल्लंघन कराया। उसमें भी बांग्लादेशी शामिल थे। इसके अलावा राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय विशेष के विभिन्न धार्मिक स्थलों से पकड़े गये विदेशियों की गिरफ्तारी या उन्हें क्वेरंटाइन करना हो सभी में राज्य सरकार का निर्णय भेदभावपूर्ण और तुष्टिकरण पर आधारित है। इस सरकार ने सोशल मीडिया पर हेमंत सरकार की कमियों पर ध्यान आकृष्ट करानेवालों के खिलाफ तीव्र कार्रवाई की पर यहां भी अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक में भेदभाव स्पष्ट है। राज्य सरकार ने अपने भेदभावपूर्ण रवैये से कोरोना जैसी गंभीर लड़ाई को भी सांप्रदायिक रंग दे दिया। ऐसे में भाजपा अनुरोध करती है कि फल विक्रेता को सुरक्षा प्रदान कराने का निर्देश देते हुए भेदभाव और तुष्टिकरण के निर्णयों से बचने का भी निर्देश दिया जाये। वहीं ऐसे शीर्ष पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाये जिन्होंने अनावश्यक एफआइआर करने का निर्देश दिया।