आजाद सिपाही संवाददाता
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण और तबलीगी जमात के प्रति कथित सोच को लेकर देशवासियों को सावधान किया। उन्होंने संघ के ऑनलाइन बौद्धिक वर्ग में कहा कि देश की 130 करोड़ आबादी में सभी भारत माता की संतानें हैं और हमारे भाई-बंधु हैं। इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। दोनों तरफ से कोई डर या गुस्सा नहीं होना चाहिए। उन्होंने समाज के जिम्मेदार लोगों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें अपने लोगों को इससे बचाना चाहिए। अगर कोई डर से या क्रोध से कुछ उलटा-सीधा कर देता है, तो सारे समूह को उसमें लपेट कर उससे दूरी बनाना ठीक नहीं है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ का काम लॉकडाउन में भी चल रहा है। रोज के काम बंद हैं, लेकिन दूसरे कामों ने उसकी जगह ली है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी नयी है, कहर मचाया ह,ै लेकिन उससे डरने की जरूरत नहीं है। ठंडे दिमाग से योजना बनानी होगी कि क्या क्या करना है। भय से दूर होकर सुनियोजित प्रयास करना है। संघ प्रमुख ने कहा कि अगर कोई डर से या क्रोध से कुछ उलटा सीधा कर देता है, तो सारे समूह को उसमें लपेट कर उससे दूरी बनाना ठीक नहीं है। उनका इशारा तबलीगी जमात और उसके जलसे की तरफ था। मोहन भागवत ने कहा कि भड़काने वालों की कमी नहीं है और इसका लाभ लेने वाली ताकतें भी हैं। जिस तरह कोरोना का फैलाव अपने देश में हुआ है, उसकी एक वजह यह भी है। उन्होंने कहा कि भारत तेरे टुकड़े होंगे, ऐसा कहने वाले ऐसा प्रयास करते हैं, राजनीति भी बीच में आती है। इनसे बचना है। सावधान रहना है। हमारे मन में प्रतिक्रिया वश कोई खुन्नस नहीं होनी चाहिए। भारत के सभी लोग भारत माता के पुत्र हैं, हमारे बंधु हैं। अपने अपने समाज के प्रमुखों को अपने लोगों को यह समझाना चाहिए।

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