देश में सबसे तेजी से तरक्की करते रहे फिल्म और मनोरंजन उद्योग के लिए कोरोना काल मिला जुला समय लेकर आया है। अगर आपको लगता है कि कोरोना के चलते मनोरंजन उद्योग ठप हो चुका है तो आप गलत हैं।

ओटीटी एमएक्स प्लेयर जो सामान्य दिनों में महीने में सिर्फ दो नई सीरीज रिलीज करता है, उसने पिछले एक महीने में छह नई सीरीज कर दी हैं। इसी कोरोना काल में डिजनी जैसी बड़ी कंपनी ने अपना एप भारत में लॉन्च कर दिया। और, गेमिंग इंडस्ट्री ने भी इस लॉकडाउन के दौरान कमाल की तरक्की की है। भारत से लेकर अमेरिका, यूरोप और एशिया प्रशांत क्षेत्र में हुए एक सर्वे (रीबूट टू न्यू नॉर्मल) के अनुसार 1 मार्च से लेकर 21 मार्च तक गेमिंग के क्षेत्र में 41 प्रतिशत की बढ़ोतरी तो वहीं ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर 34 प्रतिशत की तेजी देखी गई है। इस बारे में प्राइम वीडियो के अधिकारी कहते हैं, ‘परिस्थितियों को देखते हुए लोगों के लिए बच्चों और परिवार से जुड़े कंटेंट को हमने फ्री कर दिया है। इस पर हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। आमतौर पर प्राइम की मेंमबरशिप लेने के लिए करीब एक हजार रुपये देने पड़ते हैं लेकिन अब यूजर्स कुछ कंटेंट ऐसे ही देख सकते हैं।’ वहीं नेटफ्लिक्स के हालिया रिलीज शोज को भी लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।

जी5 के सीईओ तरुण कटियाल ने ओटीटी की तरफ दर्शकों की रुचि में बढ़ोतरी को स्वीकारते हुए कहा, ‘हमने जी5 पर कंटेंट देखने के लिहाज से दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की है। यह ट्रेंड खास तौर से शहरों का है। इसके साथ ही हमने इससे जुड़ी हुई डिवाइस की खपत में भी वृद्धि दर्ज की है। इसकी मुख्य वजह पिछले कुछ समय से घर से ऑफिस का काम करने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।’

पिछले कुछ साल से टीवी न्यूज रेटिंग्स भी लगातार घटती रहीं हैं। लेकिन पिछले कुछ समय से कोरोना वायरस से जुड़ी खबरों के चलते उनमें उछाल दर्ज किया गया है। न्यूज वेबसाइट्स और मोबाइल एप्लीकेशन्स के ट्रैफिक में करीब 61 प्रतिशत का फायदा पहुंचा है।

हालांकि टीवी पर मनोरंजन चैनलों के आंकड़े इन नकारात्मक रहे। शूटिंग न होने से नए शोज लोगों तक नहीं पहुंच पाए। इंडियन फिल्म्स एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स काउंसिल के टीवी विंग के चेयरमैन जे डी मजीठिया के अनुसार लॉकडाउन के कारण प्रत्येक हफ्ते इंडस्ट्री को अंदाजन 50-60 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है जो और बढ़ेगा। टीवी शोज से जुड़े हुए मजदूरों और कलाकारों के पक्ष में यही है कि जल्द से जल्द शूटिंग शुरू हो जाए।

मनोरंजन उद्योग में अगर कोई दिक्कत में है तो वे हैं बड़ी बजट की फिल्में बनाने वाले लोग जिन्होंने बैंकों से या अन्य वित्तीय संस्थानों से इसके लिए कर्ज ले रखा है।

 

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version