रांची। हेमंत सरकार कोरोना की जंग हर मोर्चे पर लड़ रही है। गरीबों तक मदद पहुंचाने का हरसंभव प्रयास चल रहा है। इसी कड़ी में सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद मार्च-अप्रैल की पेंशन राशि शत-प्रतिशत लाभुकों के खाते में पहुंचा दी गयी है। राज्य सरकार के सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा यह जानकारी दी गयी। बताया गया है कि राज्य के विभिन्न जिलों में मार्च एवं अप्रैल माह का लगभग शत प्रतिशत लाभुकों को पेंशन दे दी गयी है। इधर, लॉक डाउन की वजह से बाहर फंसे सभी झारखंडवासियों की सहायता के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध है। श्रम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य के बाहर 9,50,539 लोगों के फंसे होने की सूचना प्राप्त हुई है। इनमें 13,731 जगहों पर फंसे 5,03,364 मजदूरों के खाने एवं रहने की व्यवस्था की गयी है। राज्य सरकार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए कड़े कदम उठा रही है। इसके साथ ही सरकार इस ओर भी अपने सारे संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है कि पूरे राज्य में जारी लॉक डाउन की वजह से गरीब लोगों के सामने खाने की समस्या उत्पन्न न हो। इसके लिए खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा लोगों तक विभिन्न योजनाओं के तहत राशन एवं खाना पहुंचाया गया है। आंकड़ों के अनुसार अब तक राज्य में सभी राशन कार्डधारकों के बीच अप्रैल माह का 1,35,868.646 मीट्रिक टन अनाज एवं मई माह का कुल 1,40,320.588 मीट्रिक टन अनाज वितरित किया गया है। वहीं नन पीडीएस के तहत 2,78,382 लोगों तक अनाज उपलब्ध करा दिया गया है। इसके साथ ही विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत जरूरतमंदों तक पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री दाल भात योजना के 351 केंद्र, विशेष दाल भात के 588 केंद्र एवं अतिरिक्त दाल भात के 394 केंद्र विभिन्न जिलों में कार्य कर रहे हैं। इन केंद्रों द्वारा रोजाना लाखों लोगों को पका हुआ भोजन खिलाया जा रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री दीदी किचेन के तहत 6,910 दीदी किचेन कार्य कर रहे हैं। इन सभी केंद्रों पर साफ सफाई के साथ फिजिकल डिस्टेंसिंग का भी अनुपालन किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न राहत कैंपों में 2,47,662 प्रवासी मजदूरों को खाना खिलाया जा रहा है। एनजीओ एवं वोलेंटियर्स की 1036 टीमों द्वारा राज्य में विभिन्न जगहों पर 38,73,332 लोगों को खाना खिलाया गया है। साथ ही आकस्मिक राहत पैकेट का वितरण भी जरूरतमंदों के बीच किया जा रहा है।

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