जम्मू-कश्मीर में LOC में हुए एंकाउंटर में सेना ने पाकिस्तान की तरफ से आ रहे 5 आतंकियों मार गिराया लेकिन दुखद यह भी है कि इस मुठभेड़ में सेना की पैरा स्पेशल फोर्स (SF) के पांच कमांडो भी शहीद हो गए. पैरा SF सेना की वही यूनिट है, जिसने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था.
यह इस साल की सबसे खूनी मुठभेड़ है, जिसमें न केवल दोनों तरफ से गोलियां चलीं बल्कि ‘हैंड टू हैंड बैटल’ भी हुआ. ऐसा इसलिए कि सेना के तीन अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर सोमवार को बताया, “कमांडो और आतंकवादियों के शव एक दूसरे से मुश्किल से दो से तीन मीटर की दूरी पर पाए गए हैं
- 1 अप्रैल को पहली बार नियंत्रण रेखा (LOC) के पास पैरों के निशान देखे गए. भारी बर्फबारी के कारण इस क्षेत्र का रूट कट जाता है.
- आतंकवादियों ने खराब मौसम का फायदा उठाने का प्रयास किया क्योंकि पिछले दो दिनों से बर्फबारी हो रही थी.
- इसके बाद सर्च पार्टियां बनाई गईं, जिन्होंने इलाके से पांच बैग बरामद किए. इसके बाद अतिरिक्त टुकड़ियों को लगा कर पूरे इलाके को घेरा गया.
- 2 अप्रैल की सुबह आतंकियों के पैरों के निशानों फॉलो किया गया, लेकिन आतंकवादी एक घेरा बंद करके भाग निकलने में सफल रहे.
- इसी तरह 3 अप्रैल को भी पैरों के निशानों के आधार पर सर्च ऑपरेशन चलता रहा.
- इलाके में बढ़ती बर्फ और ठंड के कारण UAV विजुअल के आधार पर 4 अप्रैल को सेना के पैराट्रूपर को हेलिकॉप्टर के जरिए LOC के पास उतारा गया. इस बीच उसी रात और अगली सबह तक दोनों तरफ से गोलीबारी भी हुई.
- 05 अप्रैल की सुबह जवानों ने फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू किया. इस दौरान बर्फ पर चलते वक्त पैराट्रूपर यह नहीं समझ पाए कि वे नाले के ऊपर जमी बर्फ की सिल्ली पर हैं और वह टूट गई और वे नाले में गिर गए. दुर्भाग्यवश जहां वे गिरे, आतंकवादी वहीं पर बैठे थे. इसके बाद अंधेरे में गोलीबारी हुई. आतंकी और जवानों के बीच पाइंट ब्लैंक रेंज पर मुठभेड़ होने लगी.
- आर्मी टीम के बेहतर प्रशिक्षण मानकों के कारण, गिरने के बाद भी जावानों ने सभी पांचों आतंकवादियों को मार गिराया. हालांकि, इस कार्रवाई में पैराट्रूपर टीम के पांचों सैनिक भी मारे गए.