नाजुक दौर से गुजर रहे डेढ़ सौ करोड़ देशवासियों के साथ अपने निवेशकों एवं कार्यकर्ताओं के नाम सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सुब्रत रॉय ने करीब 3 मिनट का एक बेहद ही मार्मिक और ओजपूर्ण संदेश जारी किया है जो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड हो रहा है। भले सहारा इंडिया परिवार इन दिनों कानूनी झांझावतें झेल रहा हो, लेकिन इन सबके इतर सुब्रत रॉय सहारा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि संकट चाहे कैसी भी हो देश और अपने निवेशकों एवं कार्यकर्ताओं के प्रति अपनी भूमिका वे ताउम्र निभाते रहेंगे। अपने 2 मिनट 57 सेकंड के एक संदेश में सुब्रत राय ने बेहद ही मार्मिक और ओजपूर्ण ऊर्जा से लबरेज अपील देशवासियों के साथ निवेशकों और कार्यकर्ताओं से की है। गौरतलब है, कि यूपीए- 2 के समय में सेबी के एक गलत और तथ्यहीन आरोपों के कारण 4 अप्रैल 2014 को निवेशकों से गलत तरीके से धन जुटाने के एक मामले में शीर्ष अदालत की अवमानना के आरोप में सुब्रत रॉय को जेल जाना पड़ा था, हालांकि बाद में उन्हें पेरोल पर जामनत मिली और फिलहाल वे और सहारा समूह न्यायिक प्रक्रिया झेल रहे हैं। वैसे उस वक्त से लेकर आजतक सहारा के निवेशकों एवं कार्यकर्ताओं ने सहारा इंडिया पर भरोसा कायम रखा। हालांकि सहारा सेबी विवाद को लेकर वित्तीय संस्थान होने के कारण सहारा इंडिया परिवार समूह आर्थिक नुकसान अवश्य उठा रहा है, लेकिन यहां यह बताते चलें कि यह वही संस्था है जिसने लातूर और भुज में आए प्राकृतिक आपदा के वक्त देशवासियों के समक्ष एक नजीर पेश किया था। इतना ही नहीं कारगिल युद्ध के बाद सहारा समूह ने कारगिल युद्ध के दौरान मारे गए 300 वीर जवानों के आश्रितों का ताउम्र जीवन निर्वहन करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था, जिसे तब के प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई ने मुक्त कंठ से सराहना की थी। सहारा समूह 1978 से लेकर आज तक सदैव देश हित में कार्य करता रहा है। वित्तीय संस्थान होने के कारण इस समूह को कई बार कानूनी उलझनों में फंसाने का काम किया गया, लेकिन हर बार सहारा समूह पूरी मजबूती के साथ निखर कर सामने आया। भारतीय क्रिकेट आज जिस स्वर्णिम दौर से गुजर रहा है उसके पीछे सहारा समूह के स्पॉन्सरशिप को एक अहम पड़ाव माना जा रहा है। आपको याद दिला दें उस वक्त भारतीय क्रिकेट टीम को सिगरेट बनाने वाली कंपनी व्हील्स स्पॉन्सरशिप करती थी, लेकिन देशभक्त सुब्रत राय के निर्देश पर सहारा समूह ने भारतीय क्रिकेट टीम की स्पॉन्सरशिप ली उसके बाद से आजतक भारतीय क्रिकेट पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज इस मुकाम पर है। भले आज सहारा के पास आर्थिक तंगी के कारण स्पॉन्सरशिप नहीं है, लेकिन भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम युग की शुरुआत सहारा समूह के साथ जुड़ने से ही हुआ। इसके अलावे और भी सैकड़ों उदाहरण सहारा समूह ने पेश किए जिससे यह प्रतीत होता है कि यह संस्था शुरू से ही देश हित में काम करता रहा है। अपने 3 मिनट के संदेश में सुब्रत राय ने अपने निवेशकों से संकट की इस घड़ी में संयम बरतने और लॉक डाउन का सख्ती से पालन करने की अपील की। उन्होंने वैश्विक महामारी के लिए लॉक डाउन की पुरजोर वकालत की। इसके अलावा उन्होंने जोर देकर कहा कि संकट के इस घड़ी में सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य है, लेकिन भावनात्मक लगाव कम नहीं होने चाहिए। अंत में उन्होंने वित्तीय संस्थान होने के नाते निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाए जाने की बात कही। जल्द ही संस्था के इस दिशा में कार्य करने की बात उन्होंने अपने निवेशकों एवं कार्यकर्ताओं से कहीं। वैसे सहारा सूत्रों की अगर मानें तो समूह की ओर से विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सर्वोच्च अदालत में एक याचिका दायर की गई है, जिसके तहत सहारा सेबी खाते में संस्था द्वारा जमा कराए गए पैसों से 200 करोड़ प्रधानमंत्री राहत कोष में दिए जाने की अपील की है। आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट एवं सहारा सूत्रों के अनुसार सहारा समूह ने सेबी के 24 हजार करोड़ (ब्याज सहित) के गलत एवं तथ्यहीन निवेश एवज में करीब 18 हजार करोड़ सहारा- सेबी अकाउंट में जमा करा चुका है, हालांकि इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं किया गया है।
सहाराश्री सुब्रत रॉय का सन्देश, देश बनेगा मजबूत, सहारा के निवेशकों को दिया ढाढस
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