जमात की निगरानी करने वाले यूरोपीय देशों के हवाले से ये बात सामने आई है कि जमात से जुड़े लोग कई आतंकी गतिविधियों में सक्रिय हैं.
एक मीडिया रिपोर्ट में 2011 में जारी विकीलीक्स के दस्तावेज़ों के हवाले से खुलासा किया गया है कि अलकायदा ने कई यात्रा सबंधी दस्तोवेज और छिपने का ठिकाना हासिल करने के लिए दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित तबलीगी जमात के हेडक्वार्टर का इस्तेमाल किया था. तबलीगी जमात को लेकर दावे किये जा रहे हैं कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सुडानी सदस्य हामिर मोहम्मद ने तबलीगी सदस्य के तौर पर पाकिस्तान का वीज़ा लेने की कोशिश की थी. आपको ग्लास्गो एयरपोर्ट पर हुआ हमला शायद याद हो. ग्लास्गो एयरपोर्ट पर हमले की कोशिश के आरोप में जिस संदिग्ध भारतीय नागरिक कफील अहमद को गिरफ्तार किया गया था. उसके तार भी निजामुद्दीन के इसी तबलीगी जमात से जुड़े बताए जाते हैं.
जमात के ‘ग्लोबल आतंकवाद’ के 10 सबूत!
1. तबलीगी जमात के कई सदस्यों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है.
2. विदेशी ज़मीन से आतंकवाद फैलाने में शामिल होने के आरोप हैं.
3. पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी जमात की शाखाएं हैं.
4. भारत के ख़िलाफ़ जेहाद और आतंकवाद की साज़िश रचने के आऱोप हैं.
5. अमेरिका पर 9/11 हमले में शामिल आतंकियों की जमात से लिंक की बात सामने आई है.
6. हरकत-उल-मुजाहिदीन का संस्थापक भी जमात का सदस्य था.
7. 1999 में मुजाहिदीन ने इंडियन एयरलाइंस का विमान हाइजैक किया था.
8. 1980-90 के दशक में 6 हज़ार जमातियों ने पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग ली.
9. लश्कर आतंकी हामिर मोहम्मद ने जमात सदस्य बनके पाकिस्तान का वीज़ा लिया.
10. 2005 में लंडन अंडरग्राउंड रेलवे ब्लास्ट में भी नाम आया था
तबलीगी जमात के लोगों ने भारत ही नहीं कई और देशों में कोरोना कैरियर का काम किया. पाकिस्तान से लेकर मलेशिया तक की सरकारों ने इन जमातियों के सामने सरेंडर कर रखा है और यही वजह है इन देशों में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं.
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लाहौर में 11 मार्च से 15 मार्च तक तबलीगी जमात का बहुत ही बड़ा जलसा हुआ था. करीब ढाई लाख लोगों ने हिस्सा लिया था।