आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि देश के दूसरे हिस्सों में फंसे झारखंड के लोगों को हर हाल में वापस लाया जायेगा, चाहे इसके लिए विमान का इस्तेमाल क्यों न करना पड़े। गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार बाहर फंसे मजदूरों और छात्रों को लेकर गंभीर है। इन्हें वापस लाने के लिए तेजी से कदम उठाये जा रहे हैं। इसके परिणाम भी अगले कुछ दिनों में दिखने लगेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र के अधिकारी इस मामले में लगातार संपर्क में हैं। इसी कड़ी में अलग-अलग राज्यों के लिए नोडल पदाधिकारी बनाये गये हैं। सीएम ने कहा कि कोटा ही नहीं, ओडिशा, बंगाल या दूसरे किसी भी राज्य में अगर कोई छात्र लॉकडाउन में फंसा है और उसके परिजन अपने संसाधन पर उसे वापस लाना चाहते हैं, तो इस संबंध में तत्काल पास जारी करने का आदेश उपायुक्तों को दिया जा चुका है। प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस लाने के मामले में तेजी से बदलाव हुआ है और बहुत जल्द सब कुछ ठीक हो जायेगा। जन प्रतिनिधि और अधिकारी भी इस मामले को लेकर चिंतित थे।
बच्चों को वापस ला सकते हैं अभिभावक
राज्य के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने गुरुवार को कहा कि राज्य के बाहर फंसे छात्रों की वापसी की राह को आसान हो गयी है। अभिभावक अपनी निजी गाड़ी से बच्चों को ला सकते हैं। इसके लिए जिले के उपायुक्त द्वारा पास जारी किया जायेगा। आवेदन देने के दो घंटे के अंदर पास जारी होगा। यह व्यवस्था तीन मई के बाद लागू होगी।