चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में फायरिंग की घटना के राजनीतिकरण को रोकने के लिए जिले में 72 घंटे के लिए नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है। साथ ही आयोग ने राज्य में पांचवें चरण के मतदान से जुड़े चुनाव प्रचार पर 72 घंटे पहले ही रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

 

पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले की सीतलकुची सीट के 126वें मतदान केंद्र अम्ताली माध्यमिक शिक्षा केंद्रात में आज सुबह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों की फायरिंग में चार लोगों की मौत और चार अन्य घायल हुए थे।

 

चुनाव आयोग ने फायरिंग को सही ठहराते हुए कहा है कि ऐसा न करने पर मतदाताओं, चुनाव कर्मियों और जवानों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती थी। आयोग का कहना था कि भीड़ काफी आक्रामक थी और वह सुरक्षाकर्मियों से उनके हथियार भी छीन सकती थी।

 

चुनाव आयोग ने इस घटना के मद्देनजर कुछ आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कूचबिहार जिला की सभी 09 विधानसभा क्षेत्रों में किसी भी राज्य व केंद्रीय स्तर के नेताओं की अगले 72 घंटे तक जाने पर रोक रहेगी। इन विधानसभा सीटों पर आज मतदान संपन्न हो गया।

 

आयोग ने अपने आदेश में इस बात का जिक्र किया है कि फायरिंग में मारे गए लोगों का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं हुआ है और कुछ नेता परिवार जनों से मिलने जा सकते हैं। ऐसे में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।

 

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य नेताओं ने घोषणा की थी कि शोक संतप्त परिवार परिजनों से मिलने के लिए जाएंगे।

 

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक तथा प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह इस प्रतिबंध आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।  साथ ही  अगले 72 घंटे तक जिले में होने वाले घटनाक्रम की तत्काल जानकारी आयोग को दें।

 

चुनाव आयोग ने सुरक्षा-व्यवस्था को देखते हुए उन विधानसभा क्षेत्रों में जहां 17 अप्रैल को पांचवें चरण का मतदान होना है वहां चुनाव प्रचार पर 72 घंटे पहले ही रोक लगाने का फैसला किया है।

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