मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में पिछले तीन दिन में कुबेरेश्वर धाम में आयोजित कांवड़ यात्रा में शामिल होने आए सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इसके बाद भाजपा से लेकर कांग्रेस के विधायकों ने इस तरह के आयोजन पर सवाल उठाए हैं। भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कुसुम महदेले ने पंडित प्रदीप मिश्रा को रुद्राक्ष वितरण बंद करने की नसीहत दी है। साथ ही उन्होंने सरकार से पंडित प्रदीप के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कुबेरेश्वर धाम आए लोगों की मौतों को लेकर न्यायिक जांच कराने की बात कही है । मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले का संज्ञान लिया है।

दरअसल, पंडित प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में बुधवार को सीहोर की सीवन नदी से कुबेरेश्वर धाम तक 11 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा निकाली गई। इस आयोजन में शामिल होने से लिए देशभर से श्रद्धालु यहां पहुंचे थे। यहां एक दिन पहले यानी मंगलवार को सुबह से भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। मंगलवार को कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष वितरण के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें दो महिलाओं की मौत हो गई जबकि बुधवार को विभिन्न कारणों से अलग-अलग जगहों पर तीन श्रद्धालुओं ने दम तोड़ दिया और तीन श्रद्धालु घायल हुए हैं। इसके बाद गुरुवार को भी यहां दो और लोगों की मौत हो गई। यानी पिछले तीन दिन में कुबेरेश्वर धाम आए कुल सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई।

कांवड़ यात्रा निकालने से एक दिन पहले यानी 5 अगस्त को धक्का मुक्की और भगदड़ में जिन दो महिलाओं की मौत हुई थी। उनकी पहचान जसवंती बेन (56 वर्ष) पत्नी चंदू भाई निवासी ओम नगर राजकोट गुजरात और संगीता गुप्ता (48 वर्ष) पत्नी मनोज गुप्ता निवासी फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई थी। वहीं, कांवड़ यात्रा के दिन 6 अगस्त को गुजरात से आए 50 वर्षीय चतुर सिंह पुत्र भूरा पांचवल, हरियाणा के 65 वर्षीय ईश्वर सिंह यादव पुत्र मवासीराम यादव और रायपुर से आए 57 वर्षीय दिलीप कुमार की मौत हो गई थी। प्रशासन ने इन तीन मौतों का कारण प्राकृतिक बताया था।

गुरुवार को भी दो श्रद्धालुओं की मौत हुई है। जिला प्रशासन ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि 22 वर्षीय उपेंद्र गुप्ता पुत्र प्रेम गुप्ता निवासी बड़ा टोला जिला गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) अचानक गिर गए। इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसी तरह 40 वर्षीय अनिल पुत्र महावीर निवासी ग्राम खेड़ा कला, दिल्ली को अचानक स्वास्थ्य खराब हो जाने के कारण जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित किया। इन दोनों की मौत की वजह हार्ट अटैक बताया गया है।

इन सभी घटनाओं को पूर्व मंत्री कुसुम मेहदेले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा के आयोजन पर सवाल खड़े किए हैं। महदेले ने पंडित मिश्रा से साफ तौर पर अपील की है कि वे रुद्राक्ष बांटना बंद करें। उन्होंने लिखा कि आयोजन में हो रही भीड़ और अव्यवस्था लगातार जानलेवा साबित हो रही है। ऐसे में आयोजनों पर रोक लगाई जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश शासन से भी मांग की कि रुद्राक्ष वितरण पर तत्काल अंकुश लगाया जाए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाए। साथ ही कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं, अमरपाटन से कांग्रेस विधायक राजेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि कुसुम महदेले बहुत वरिष्ठ नेता हैं। मैं उनके विचार से पूर्णत: सहमत हूं। धर्म में ये आडंबर नहीं होना चाहिए। धर्म ज्ञान सिखाता है आदमी को अच्छा इंसान बनना सिखाता है। धर्मगुरुओं का यही काम होना चाहिए कि लोगों को अच्छा इंसान बनाए।

खंडवा से भाजपा विधायक कंचन तन्वे ने कहा कि प्रदीप मिश्रा से हम यही कहेंगे कि आप कथा करो, ये रुद्राक्ष मत बांटो, क्योंकि रुद्राक्ष बांटने के चक्कर में कई लोगों की ऐसे जान चली जाती है। लोग भगदड़ मचाते हैं। लोग कथा सुनें, लोगों को और आने वाली पीढ़ी को ज्ञान मिले। इसी तरह भाजपा विधायक उमाकंत शर्मा ने कहा कि सभी धार्मिक तीर्थाटन के क्षेत्रों में वहां के प्रबंधकों को विशेष ध्यान देना चाहिए, केवल सरकार आधारित सुरक्षा नहीं हो सकती। मेरा आग्रह है कि स्थानीय जो भी आयोजक हैं, वे इस विषय पर ध्यान दें अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई भी होनी चाहिए।

इस मामले में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने सोशल मीडिया पर कहा कि सीहोर के कुबेरेश्वर धाम आए कुछ श्रद्धालुओं की मौत की जानकारी मिली है। इस मामले की न्यायिक जांच कराएंगे। इधर, कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार को हुई दो महिलाओं की मौत के मामले में मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष राजीव कुमार टंडन ने संज्ञान लिया है और संबंधितों से जवाब मांगा है। उन्होंने कलेक्‍टर और पुलिस अधीक्षक से जांच कराकर भीड़ प्रबंधन की क्‍या व्‍यवस्‍था थी, घायलों के इलाज में क्या कार्रवाई की गई, मृतकों को क्या आर्थिक सहायता दी गई, इस संबंध में 15 दिनों में रिपोर्ट मांगी है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version