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    Home»स्पेशल रिपोर्ट»मधुपुर में चुनावी मुकाबला रोचक मोड़ पर
    स्पेशल रिपोर्ट

    मधुपुर में चुनावी मुकाबला रोचक मोड़ पर

    azad sipahiBy azad sipahiApril 13, 2021No Comments10 Mins Read
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    मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में चल रहा चुनाव प्रचार अभियान पिछले 24 घंटे में चरम पर पहुंच गया है। इसके साथ ही चुनावी माहौल भी बदलता हुआ नजर आ रहा है। सत्ता पक्ष ने तो लगभग एक हफ्ते से लगातार प्रचार अभियान में पूरी ताकत झोंक रखी थी, पिछले 24 घंटे में भाजपा ने भी पूरे दमखम के साथ चुनावी बिगुल फूंक दिया है। पिछले 24 घंटे के अंदर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी सहित लगभग एक दर्जन विधायक और नेता पूरी तरह मैदान में उतर चुके हैं, वहीं झामुमो एक हफ्ता पहले से ही अपने सहयोगी दलों के साथ मिल कर प्रचार में पूरी ताकत झोंक चुका है। झामुमो ने मधुपुर चुनाव में केएन झा को भी उतार दिया है, जिनके बारे में कहा जाता है कि ब्राह्मण मतदाताओं में उनकी गहरी पैठ है। केएन झा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सोमवार को उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। इस मुलाकात में केएन झा ने उन्हें आश्वस्त किया कि वह महागठबंधन के उम्मीदवार के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे। चुनाव प्रचार अभियान में आयी इस अप्रत्याशित तेजी के कई मायने निकाले जा रहे हैं और इसके पीछे के कारणों की भी खूब चर्चा हो रही है। इसमें सबसे प्रमुख बदलाव राज पलिवार का पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यक्रम में मौजूद रहना बताया जा रहा है। अब तक राज पलिवार को भाजपा का बड़ा खेमा नाराज बता रहा था और उनके समर्थकों की चुप्पी का असर गंगा नारायण सिंह के प्रचार अभियान पर साफ दिखाई दे रहा था, लेकिन रघुवर दास के दौरे, बाबूलाल मरांडी की सहित दूसरे नेताओं की सक्रियता ने इस बाधा को दूर कर लिया है। इस नये माहौल के बाद गंगा नारायण सिंह के खेमे में भी नयी ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है। इसके अलावा दोनों ही पक्षों की तरफ से जातीय और सामाजिक गोलबंदी का खेल भी पूरी ताकत से खेला जा रहा है, जिसने पूरे परिदृश्य को बदल कर रख दिया है। जातीय, धार्मिक और समाजिक गोलबंदी पर भाजपा ज्यादा ध्यान दे रही है। मधुपुर के मौजूदा राजनीतिक माहौल और उसके कारणों की पड़ताल करती आजाद सिपाही के राजनीतिक टीकाकार राहुल सिंह की ग्राउंड रिपोर्ट।

    मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में 17 अप्रैल को होनेवाले उप चुनाव के लिए प्रचार अभियान करीब 96 घंटे बाद, यानी 15 अप्रैल की शाम को खत्म हो जायेगा। प्रचार अभियान के लिए इतना कम समय बचे होने के कारण चुनाव मैदान में उतरे सभी छह प्रत्याशियों ने पूरा जोर लगा दिया है। मुकाबले के दोनों मुख्य प्रतिद्वंद्वी, झामुमो के हफीजुल हसन अंसारी और भाजपा के गंगा नारायण सिंह अब वोट के लिए हरसंभव तरीका अपना रहे हैं। दोनों ही पार्टियों के लिए ‘करो या मरो’ की स्थिति पैदा हो गयी है। इसलिए कोई भी दल किसी किस्म का खतरा मोल लेने के लिए तैयार है।
    मधुपुर में पिछले 24 घंटे के दौरान एक बात जो साफ तौर पर उभर कर सामने आयी है, वह यह कि भाजपा प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह का खेमा भी अब ऊर्जा और उत्साह से भर गया है। अचानक पैदा हुए इस उत्साह का कारण स्थानीय लोग तो नहीं बता पा रहे हैं, लेकिन सोमवार 12 अप्रैल को दिन में इस बात की चर्चा होती रही। लोगों ने स्वीकार किया कि भाजपा की तरफ से पूरा जोर लगाया गया है और अब मुकाबला काफी रोचक दौर में पहुंच गया है। दोनों ही दल एड़ी-चोटी का जोर लगा चुके हैं।
    गंगा नारायण सिंह के खेमे में अचानक आये इस उत्साह के सियासी मतलब भी निकाले जा रहे हैं। शुक्रवार तक जहां भाजपा प्रत्याशी अपने मुट्ठी भर समर्थकों के साथ जनसंपर्क कर वोट मांग रहे थे, वहीं सोमवार को यह नजारा बदला हुआ नजर आया। मधुपुर में भाजपा के मुख्य चुनावी कार्यालय में अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक गहमा-गहमी दिखी। इसका कारण यह है कि भाजपा के संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, अन्नपूर्णा देवी, भानुप्रताप शाही, नवीन जयसवाल, मनीष जयसवाल सहित लगभग एक दर्जन प्रादेशिक स्तर के नेता यहां कैंप करने लगे हैं। स्थानीय सांसद डॉ निशिकांत दुबे भी सब कुछ छोड़ कर चुनाव प्रचार अभियान में जुट गये हैं।
    भाजपा के खेमे में अचानक आये उत्साह का एक बड़ा कारण राज पलिवार के बदले हुए रुख को माना जा रहा है। अपना टिकट कटने से हताश दिख रहे राज पलिवार रविवार को रघुवर दास के साथ दिखे। प्रेस कांफ्रेंस में भी वह रघुवर के ठीक बगल में बैठे थे। इसका मतलब यह निकाला जा रहा है कि पार्टी ने राज पलिवार को मना लिया है और अब उनकी ओर से कम से कम किसी नुकसान की कोई आशंका नहीं है। इधर एक और नया बदलाव यह नजर आया कि राज पलिवार के कई समर्थक गंगा नारायण सिंह के लिए समर्थन जुटाने निकल पड़े हैं। चुनाव प्रचार पर इसका सकारात्मक असर पड़ना स्वाभाविक है। सोमवार को पहली बार भाजपा के कई पुराने कार्यकर्ता पार्टी के बदलते रुख से खुश दिखे।
    लेकिन झामुमो भी प्रचार अभियान की दृष्टि से पूरे दमखम के साथ जुटा हुआ है। वह कहीं से भी भाजपा पर 19 नहीं, बल्कि बीस ही है। पार्टी प्रत्याशी हफीजुल हसन तो खैर अहले सुबह जनसंपर्क अभियान पर निकल जाते हैं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य की सत्ता में सहयोगी कांग्रेस तथा राजद के नेता दिन भर प्रचार अभियान में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री की अति सक्रियता महागठबंधन के उम्मीदवार हफीजुल हसन के अंदर अतिरिक्त ऊर्जा का संचार कर रही है। इसी कड़ी में सीएम से सोमवार को बहुत पुराने नेता केएन झा ने मुलाकात की। केएन झा की ब्राह्मण मतदाताओं पर काफी पकड़ मानी जाती है। वह पहले से ही हफीजुल हसन के पक्ष में काम कर रहे थे, लेकिन सीएम से मिलने के बाद उनकी सक्रियता और बढ़ गयी है। कांग्रेस नेता शशिभूषण राय कहते हैं: केएन झा के चुनावी प्रचार में खुल कर आ जाने से हफीजुÞल हसन को काफी मजबूती मिली है। वहीं झामुमो की ओर से कार्यकर्ताओं की फौज लगातार प्रचार अभियान को रोमांचक बना रही है।
    इधर जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, मधुपुर में जातीय और सामाजिक गोलबंदी का खेल भी बड़े जोर-शोर से चल रहा है। गंगा नारायण सिंह को टिकट दिये जाने से भाजपा से नाराज चल रहे ब्राह्मण मतदाताओं को मनाने की कोशिशें भी शुरू हो गयी हैं। झामुमो की ओर से जहां पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता कृपानंद झा इस कोशिश में जुटे हैं, वहीं भाजपा ने यह जिम्मा राज पलिवार को ही सौंपने का संकेत दिया है। चर्चा है कि अगले दो दिन में भाजपा समर्थकों के इस बड़े वर्ग को मना लिया जायेगा। इस बीच जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी के ब्राह्मणों के बारे में दिये गये बयान ने भी नया सियासी उबाल पैदा किया है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से ब्राह्मणों के नाराज होने और उनके द्वारा भाजपा को वोट नहीं देने की बात कही थी, जिस पर ब्राह्मणों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि आखिर इरफान अंसारी कौन होते हैं, ब्राह्मणों के बारे में टिप्पणी करनेवाले। इसी तरह दूसरी जातियों के वोटों को अपने पाले में करने के लिए हरसंभव तरीका दोनों खेमों की ओर से अपनाया जा रहा है, जिससे मुकाबला बेहद रोमांचक दौर में पहुंच गया है।
    मधुपुर का अंतिम चुनाव परिणाम तो दो मई को पता चलेगा, लेकिन दोनों ओर से चुनावी रण में जो तरीके अपनाये जा रहे हैं, उससे कहा जा सकता है कि यहां भीषण घमासान होगा। एक-एक वोट के लिए दोनों ही तरफ से पसीना बहाया जा रहा है। पिछले 24 घंटे में यहां भाजपा ने भी काफी दम लगाया है। अभी प्रचार अभियान में तीन दिन और है। जाहिर है, चुनावी हवा के रुख के लिए 12 घंटे काफी होते हैं। देखते हैं, दोनों ही तरफ से जो गोलबंदी की जा रही है, वह कौन सा रुख अख्तिायार करती है। हां, अभी तो दोेनों ही अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं।

    आनेवाले चार दिन तय करेंगे मधुपुर का किंग कौन
    बीते एक महीने से मधुपुर झारखंड की राजनीति का केंद्र बना हुआ है। राज्य की जनता की निगाहें मधुपुर पर टिकी हुई हैं और यह चुनाव पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए नाक का सवाल बन चुका है। सवाल नाक का है, तो सत्ता पक्ष हो या विपक्ष कमोबेश हर प्रमुख दल के नेता का उठना, बैठना, खाना-पीना और सोना मधुपुर में ही हो रहा है। यहां हर नेता अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने में लगा हुआ है। मधुपुर उपचुनाव में मतदान 17 अप्रैल को होगा। ऐसे में आनेवाले चार दिन मधुपुर के लिए बेहद खास हैं।
    सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए मधुपुर मछली की उस आंख की तरह हो गया है, जिसे अर्जुन ने भेदा था। अब इस बार मधुपुर में अर्जुन की भूमिका में कौन होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। जो भी इस मछली की आंख को भेदेगा, राज्य में उसी का डंका बजेगा।
    इसलिए मधुपुर फतह करने के लिए पक्ष और विपक्ष के वरीय नेता मधुपुर में कैंप कर रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद नौ अप्रैल से यहां प्रवास कर रहे हैं। वे यहां चौदह अप्रैल तक रहेंगे। मुख्यमंत्री का यह दौरा महागठबंधन प्रत्याशी हफीजुल हसन अंसारी के लिए बेहद खास है, क्योंकि मुख्यमंत्री की उपस्थिति से जहां उनका आत्मविश्वास दोगुना हुआ है, वहीं उनकी रणनीति से मतदाताओं के महागठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में गोलबंद होेने की संभावनाएं भी बढ़ गयी हैं। महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस की बात करें तो मधुपुर के रण में हफीजुल हसन की राह आसान करने के लिए कांग्रेस ने भी कोई कोर-कसर बाकी नहीं छोड़ी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव तीन दिन तक मधुपुर में कैंप कर शनिवार को ही रांची लौटे हैं। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद फुरकान अंसारी तथा मंत्री आलमगीर आलम भी इलाके में सक्रिय हैं। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर, शमशेर आलम, शशि भूषण राय, इरफान अंसारी और अन्य कई नेता इस इलाके में अपने-अपने स्तर से महागठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। राजद के कोटे से मंत्री सत्यानंद भोक्ता, अभय कुमार सिंह और दूसरे नेता भी क्षेत्र में झामुमो प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं।
    वहीं, एनडीए भी अपने प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह की जीत सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में डेरा-डंडा लगाकर बैठ गया है। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी लगातार चुनाव प्रचार कर सत्ता पक्ष खासकर झामुमो और कांग्रेस पर प्रहार कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी शनिवार को मधुपुर पहुंचे और क्षेत्र में आयोजित सभाओं में एनडीए प्रत्याशी गंगा नारायण सिंह को वोट देने की जनता से अपील की। उन्होंने क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को भी चुनाव को लेकर सक्रिय रहने की बात कही और पूरे जोश के साथ चुनाव प्रचार में लग जाने को कहा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने भी सोमवार को गंगा नारायण सिंह के पक्ष में मरगोमुंडा में भाजपा के बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया और उन्हें जिताने की अपील की। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को अति आत्मविश्वास में न पड़ने की सलाह दी। अन्नपूर्णा देवी, भानुप्रताप शाही, नवीन जयसवाल, मनीष जयसवाल, राज सिन्हा, अपर्णा सेनागुप्ता सहित तमाम विधायक अपने-अपने स्तर से एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में प्रयास कर रहे हैं। जाहिर है कि पक्ष और विपक्ष के नेताओं के लिए मधुपुर उपचुनाव अपनी ताकत दिखाने का मंच है और अपनी ताकत और रणनीतिक कुशलता दिखाने का कोई मौका दोनों में से कोई पक्ष छोड़ना नहीं चाहता।

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