-समाजसेवी शालनी साहा की मौत
-सदर अस्पताल के सात चिकित्सक संक्रमित, ओपीडी बंद
-रांची सचिवालय में कोरोना विस्फोट
-चतरा के शिक्षक की मौत
-रिम्स में डेंटल के छात्र हुये संक्रमित
-अनगड़ा के एसएस हाई स्कूल के 16 बच्चे कोरोना संक्रमित
आजाद सिपाही संवाददाता / रांची। कोरोना की दूसरी लहर घातक तरीके से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। पहली लहर में झारखंड बड़ी सूझबूझ से उभरा था। दूसरी लहर को लोग उतने ही हल्के में ले रहे हैं। गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है, यही वजह है कि कोरोना पूरे राज्य में कहर बरपा रहा है। सबसे भायवह स्थिति रांची और जमशेदपुर की है। दूसरी लहर की चपेट में बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी आ रहे हैं। कांके रोड की रहने वाली समाजसेवी शालनी साहा की मौत गुजरात में हो गयी। वह 30 मार्च को गुजरात गयी थी। उनकी छह साल की बेटी है। चुटिया के अनंतपुर में एक परिवार रहता है, जो सभी संक्रमित है। इनके घर में एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गयी है। सभी के कोरोना पीड़ित होने के कारण कोई दाह संस्कार करने वाला भी नहीं है। चतरा के टंडवा के रहने वाले एक शिक्षक की भी कोरोना से मौत हो गयी है। पलामू में एक महिला की मौत हो गयी है। परिवार के अन्य सदस्य भी संक्रमित हैं, जिनका ईलाज रांची में चल रहा है। वहीं अनगड़ा के एसएस हाई स्कूल के 16 बच्चे कोरोना संक्रमित पाये गये हैं। रांची के सदर अस्तपाल के सात डॉक्टर समेत तीन कर्मचारी संक्रमित पाये गये हैं। रिम्स के डेंटल की छह छात्राएं संक्रमित हो गयी हैं। उधर, शुक्रवार को सरकारी कार्यालय भी कोरोना की जद में आ गया है।
सचिवालय में कोरोना विस्फोट:
सचिवालय के हर विभाग में कोरोना संक्रमित घूम रहे हैं। संक्रमितों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक सप्ताह के भीतर 96 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। साथ ही चार लोगों की मौत हो गयी है। इतना ही नहीं, अभी भी 92 से ज्यादा लोग संदेहास्पद हैं, जो दफ्तर आ रहे हैं। झारखंड सचिवालय सेवा संघ ने कहा है कि सरकार को अपने कर्मचारियों के प्रति जिम्मेदार होना होगा। अगर लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता है, तो कम से कम बेहतर व्यवस्था तो की जा सकती है। संघ के महासचिव पीकेश कुमार ने बताया कि टाटा की तरह यहां भी रोस्टर सिस्टम लागू किया जाये और साप्ताहिक रोस्टर सिस्टम के माध्यम से कर्मचारियों को दफ्तर बुलाया जाये।
दफ्तर में नहीं है जांच और सेनेटाइजेशन की व्यवस्था
पीकेश कुमार ने बताया कि पिछले साल सचिवालय में कैंप लगाकर लोगों की जांच की जाती थी, लेकिन इस साल पूरी व्यवस्था चौपट है। पहले एक के संक्रमित हो जाने के बाद दफ्तर को एक दिन बंद कर पूरे दफ्तर को सेनेटाइज करवाया जाता था। इस बार ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा के इन सारे उपायों को शीघ्र लागू करने की जरूरत है।
सदर अस्पताल के सात डॉक्टर संक्रमित
सदर अस्पताल रांची के सात डॉक्टर और तीन स्वास्थ्य कर्मी भी संक्रमित हो गये हैं। तीनों स्वास्थ्य कर्मी लगातार लोगों का सैंपल कलेक्ट कर रहे थे। सभी संक्रमित को आइसोलेट कर दिया गया है। साथ ही सदर अस्पताल प्रबंधन की तरफ से हॉस्पिटल परिसर को सेनेटाइज किया जा रहा है। इसके अलावा रिम्स के डेंटल विभाग के चार स्टूडेंट्स के भी संक्रमित होने की सूचना है।
सबसे अधिक भू-राजस्व विभाग में 10 संक्रमित, आठ संदेहास्पद
भू-राजस्व विभाग में 10 संक्रमित और आठ संदेहास्पद, माइंस विभाग में दो संक्रमित और सात संदेहास्पद, पंचायती राज विभाग में चार संक्रमित, एनिमल हसबेंडरी में एक संक्रमित, हेल्थ विभाग में सात संक्रमित, विजिलेंस विभाग में एक संक्रमित और तीन संदेहास्पद, उच्च शिक्षा विभाग में पांच संक्रमित और एक संदेहास्पद, सेकेंडरी एजुकेशन विभाग में एक संक्रमित और दो बीमार, पर्यटन विभाग में चार संक्रमित और एक की मौत, सात संदेहास्पद, ग्रामीण विकास विभाग में सात संदेहास्पद, उद्योग विभाग में तीन संक्रमित और पांच संदेहास्पद, ऊर्जा विभाग में एक संदेहास्पद, वित्त विभाग में चार संक्रमित और एक संदेहास्पद, कार्मिक विभाग में दो संक्रमित और चार संदेहास्पद, खाद्य आपूर्ति विभाग में दो संक्रमित, आइपीआरडी में आठ संक्रमित, वन विभाग में दो संक्रमित, पेयजल विभाग में नौ संक्रमित और आठ संदेहास्पद हैं।