रांची। झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा नेताओं के खिलाफ जम कर हमला बोला है। शनिवार को रांची के बरियातू रोड स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने आरोपों की झड़ी लगा दी। सुप्रियो ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री सह केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को एक साथ घेरा। सुप्रियो ने कहा है कि रघुवर दास सरकार के कार्यकाल 2017 में मोमेंटम झारखंड का आयोजन किया गया था। इसमें 238 कंपनियों के साथ द्विपक्षीय समझौता (एमओयू) करने की बातें कही गयी थी। इस समय 350 जमीन आवंटन हुए, जिसमें एक भी आवंटन विदेशी कंपनी को नहीं किया। जमीन का आवंटन 320 ऐसी कंपनियों को किया गया, जिन्होंने मोमेंटम झारखंड के आयोजन के समय एमओयू किया ही नहीं था। वहीं 11 ऐसी कंपनियां हैं, जो मोमेंटम झारखंड के कुछ महीने पहले बनी थीं। मोमेंटम झारखंड, राज्य का सबसे बड़ा घोटाला है। अब सभी बातें निकल कर सामने आ रही हैं, जिसकी बौखलाहट अभी भाजपा में देखी जा रही है। सुप्रियो ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश पर भी कई आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश कंबल ओढ़ कर घी पी रहे हैं। इनकी भी जमीन इसमें आवंटित हुई है। जिस तरह पूर्व सीएम रघुवर दास, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, झामुमो सरकार के मुखिया पर आरोप लगा रहे हैं, वह बौखलाहट का नतीजा है। बाबूलाल मरांडी ने देश और विदेश में क्या-क्या किया, इसकी सारी जानकारी जल्द मीडिया में लायी जायेगी। सुप्रियो ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा पर भी गंभीर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि अर्जुन मुंडा को हम लोगों ने मुंडा आदिवासी समझा। बाद में सच्चाई सामने आयी। उन्होंने खुद को बचाने के लिए भोक्ता को अनुसूचित जनजाति बना दिया। उन्होंने कहा कि अर्जुन मुंडा को राजनीति की पाठशाला में लाने का काम झामुमो ने किया, क्योंकि जेएमएम राजनीति का किंडरगार्डेन स्कूल है। यहां बहुत से लोग आते हैं और चले जाते हैं।

हेमंत सरकार के विकास कार्यों से भाजपा नेताओं को दर्द हो रहा है
सुप्रियो ने कहा कि झामुमो के दो साल चार महीने के कार्यलाल में जिस प्रकार विकास के कार्य हुए, सामाजिक सुरक्षा और पेंशन का दायरा बढ़ा है। नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई है। उससे भाजपा नेताओं को दर्द हो रहा है। उन्होंने भाजपा नेताओं को नसीहत दी कि राज्य के आदिवासी सीएम के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी न करें।

हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है
उन्होंने कहा कि भाजपा की तरफ से जिस तरह सीएम हेमंत सोरेन के निर्वाचन को चुनौती दी जा रही है और उनके नाम पर आवंटित खदान को लेकर हो हल्ला मचाया जा रहा है, वह बेबुनियाद है। यह हाउस आॅफ प्रॉफिट का मामला नहीं है, क्योंकि मुख्यमंत्री को इस खदान से एक रुपये की कमाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि यदि निर्वाचन आयोग भी 9ए के तहत पीपुल्स रीप्रेजेंटेशन एक्ट 1951 के तहत कोई कार्रवाई करेगा, तो पार्टी सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी। हमें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रवक्ता कोर्ट आॅफ कंटेम्प्ट का मामला उछाल रहे हैं। ऐसा राजनीतिक पागलपन पहले नहीं देखा। सरनास्थल पर पांच मंजिली इमारत के निर्माण होने से भी भाजपा नेताओं को आपत्ति है। हेमंत सोरेन आदिवासी हैं ,इसलिए यह दर्द काफी तेज हो गया है। अगर वे छत्तीसगढ़िया होते तो कोई दिक्कत नहीं थी। राजनीति की लड़ाई में बहुत सारी बातें होती हंै। आरोप दर आरोप की बौछारें होती हैं। आनेवाले दिनों में भीऔर चीजें सामने आयेंगी। हम लोगों ने भी फोटो कॉपी की मशीन लगा ली हैं, पर अंतत: झारखंडियों की ही जीत होगी। बाहरी ताकतें चकनाचूर हो जायेंगी।

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