आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश ने हेमंत सोरेन से सवाल पूछा है। उन्होंने यह कहा है कि झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने हेमंत सरकार में शामिल अपनी पार्टी के मंत्रियों का सार्वजनिक अपमान किया है। इसके जरिये कांग्रेस प्रभारी ने भाजपा के आरोपों की पुष्टि कर दी है। साथ ही मंत्रियों को अपमानित किया है। पांडेय ने ऐसा करके राज्य सरकार के कार्य कलापों पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री को कांग्रेस प्रभारी के द्वारा मंत्रियों के संबंध में दिए गए बयानों पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। सरकार के मुखिया के नाते उन्हें पूरी तरह पता होगा कि कांग्रेस के मंत्रियों में कौन कितना और किस तरह विफल साबित हुआ है। कहा कि प्रदेश भाजपा लगातार राज्य सरकार की विफलताओं को सदन से सड़क तक उजागर कर रही है। यह भी सच है कि हेमंत सरकार की लूट और झूठ में कांग्रेस पार्टी बराबर की भागीदार है। एक तरफ मुख्यमंत्री अपने सरकार की सफलताओं पर बोलते नहीं थकते। वहीं काग्रेस प्रभारी सरकार को विफल बता रहे ऐसे में जनता को एक बार फिर से दिग्भ्रमित किया गया है। जनता किनकी बातो पर भरोसा करे। प्रकाश ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी के तानाशाही वाले बयान पर कहा कि कांग्रेस पार्टी खुद तानशाही की फैक्ट्री है। तानाशाही कांग्रेस के डीएनए में है। कांग्रेस का इतिहास पार्टी के व्यक्ति विशेष और परिवार विशेष की तानाशाही से भरा पड़ा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के चाहे सांगठनिक निर्णय हो या कांग्रेस की सरकारों के निर्णय हो, अनेको बार तानाशाही उजागर हुई है। इसी कांग्रेस पार्टी ने सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, नरसिम्हा राव जैसे अपनी ही पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेताओं को अपमानित किया। मनमोहन सिंह को केवल नाम का प्रधानमंत्री बनाकर सुपर पीएम के माध्यम से 10वर्षो तक अपमानित किया। पार्टी के युवराज ने कैबिनेट के फैसले को चौराहे पर फाड़ते हुए परिवार की तानाशाही को उजागर किया। कांग्रेस पार्टी ने आपातकाल लगाकर देश में तानाशाही बीभत्स रूप प्रकट किया, प्रेस पर भी प्रतिबंध लगाए। अखबारों के दफ्तरों पर इसी कांग्रेस ने हमले करवाए। देश में 190 बार से ज्यादा चुनी हुई लोकतांत्रिक सरकारों को गिराकर राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया। बता दें कि कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय ने 4 अप्रैल को एक इंटरव्यू में कहा कि झारखंड में कांग्रेस के सभी मंत्रियों का परफॉरमेंस संतोषजनक नहीं है, जरूरी हुआ तो इसमें आनेवाले समय में बदलाव भी हो सकता है।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version