रांची। आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि अबुआ राज की बात करने वाली सरकार की असल मंशा बबुआ राज स्थापित करने की है। उन्होंने कहा कि सरकार निर्वाचित प्रतिनिधियों का अधिकार छीन कर अफसर राज स्थापित करने में जुटी हुई है। पंचायत प्रतिनिधियों को लेकर भी इन्होंने यही किया और अब निकाय परिषद के निर्वाचित प्रतिनिधियों को लेकर भी यही हुआ।

भगत शुक्रवार को रांची स्थित आजसू पार्टी केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कहा कि प्रथम कैबिनेट में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ों को आरक्षण सुनिश्चित करने का दंभ भरने वाली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी दरकिनार कर दिया। आजसू पार्टी द्वारा दायर किए गए याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से सरकार को यह आदेश दिया कि निकाय चुनाव से पहले राज्य में ट्रिपल टेस्ट सुनिश्चित हो। इसके बावजूद भी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। यह समझ से परे है। दरअसल सरकार ने कभी भी इस विषय पर गंभीरता नहीं दिखाई, जिसका खामियाजा राज्य की बड़ी आबादी को भुगतना पड़ रहा है।

राज्यस्तरीय सामाजिक न्याय मार्च की तैयारियां अंतिम चरण में
30 अप्रैल को होने वाले कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डॉ. भगत ने कहा कि सामाजिक न्याय मार्च में राज्य के कोने-कोने से हजारों कार्यकर्ता रांची कूच करेंगे तथा बापू वाटिका, मोरहाबादी से हरमू मैदान तक पैदल मार्च करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे सात सूत्री मांगों में खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति, जातीय जनगणना एवं पिछड़ों को आबादी अनुसार आरक्षण, पूर्व में जो जातियां अनुसूचित जनजाति की सूची में थे, उन्हें पुनः अनुसूचित जनजाति में शामिल करना, सरना धर्म कोड, बेरोजगारों को रोज़गार, झारखंड के संसाधनों की लूट बंद करना तथा झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान देना मुख्य रूप से शामिल हैं।

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