रांची। झारखंड हाईकोर्ट में झारखंड टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (JTET) आयोजन को लेकर दायर याचिका की सुनवाई हुई। यह सुनवाई जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की कोर्ट में हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तमाम दलिलों को सुनने के बाद इस संबंध में राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने इसके लिए राज्य सरकार को चार हफ्ते का समय दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार बताए कि अब तक यह परीक्षा क्यों नहीं ली गयी है। अब इस याचिका पर 26 जून को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता की ओर से ललित कुमार सिंह ने पैरवी की।
क्या है दायर याचिका
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) के आयोजन को लेकर प्रिया कुमारी यादव एवं अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसी याचिका पर आज झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस याचिका में कहा गया है कि एनसीईटी की गाइडलाइन के मुताबिक राज्य में प्रत्येक वर्ष जेटेट परीक्षा ली जानी है। राज्य सरकार की ओर से साल 2019 में जो नियमावली बनायी है, उसमें भी प्रत्येक वर्ष शिक्षक पात्रता परीक्षा लेने की बात कही गयी है।
शिक्षक बनने के लिए पात्रता जरूरी
प्रार्थी की ओर से दायर याचिका में बताया गया है कि शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2022 के अंतर्गत तय किया गया है कि क्लास 1 से 5 और क्लास छह से 8 में शिक्षक बनने के लिए पात्रता परीक्षा पास होना अनिवार्य है। जिन्हें भी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में बतौर शिक्षक नियुक्त होना है, उन्हें जेटेट पास होना जरूरी है। राज्य में वर्ष 2016 से जेटेट की परीक्षा नहीं ली गई है। प्रार्थी का कहना है कि अगर यह परीक्षा नहीं ली जाती है तो वह नियोजन पाने से वंचित रह जाएंगे।
जेटेट परीक्षा की हकीकत
झारखंड में पिछले 12 वर्ष में मात्र दो जेटेट हुई। जबकि, ‘शिक्षा का अधिकार अधिनियम’ के तहत हर वर्ष एक परीक्षा लेने का प्रावधान है। राज्य में वर्ष 2011 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद जेटेट के लिए तीन नियमावली बनीं। पहली नियमावली 2012 में बनी थी, जिसके तहत दो परीक्षाएं हुईं। इसके बाद 2019 में फिर नयी नियमावली बनी। इसके तहत परीक्षा नहीं हुई, लेकिन इसमें बदलाव हो गया। इसके बाद फिर वर्ष 2022 में नियमावली में संशोधन किया गया। इसके तहत भी परीक्षा नहीं हो सकी। वर्ष 2022 की नियमावली में अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए झारखंड से मैट्रिक, इंटर परीक्षा पास होना अनिवार्य कर दिया गया था। जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। अब फिर से नियमावली में संसोधन होने के बाद परीक्षा लेने की बात विभाग कर रहा है।