झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी के साथ ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। कलिंगा इंस्टीट्यूट में संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन भावुक हो गयीं। संबोधन के दौरान कई बार उनका गला रुंध गया। उन्होंने अपने पुराने दिनों को याद किया। कल्पना सोरेन ने यहां मौजूद बच्चों को जागरूक किया। कल्पना सोरेन ने कहा,यहां खड़े होकर मुझे मेरा बचपन, मेरे अपने स्कूल का समय वो सब याद आ रहा है। लक्ष्य पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है, जितना आप नहीं सोच सकते उससे भी ज्यादा। बहुत कुछ खोना पड़ता है। आप बस अपने लक्ष्य पर ध्यान रखियेगा।
अपने पुराने दिनों को याद कर भावुक हो गयीं कल्पना सोरेन
अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा, जब हम यहां ट्रेनिंग लेने आते थे यहां जंगल होता था। साल 2004 या 2005 की बात है यह इलाका जंगल था। एक ऑटो पकड़ने में डर लगता था कि हम अकेले कैसे यात्रा करेंगे। अकेले इन इलाकों में बहुत डर लगता था। ट्रेनिंग के दौरान खाने के लिए कुछ नहीं होता था। साइकिल में बड़ा हांडी लेकर आता था दही बड़ा, वही हमारा खाना होता था। सुबह से लेकर शाम तक खाने के लिए कुछ नहीं मिलता था। जो आज दिख रही है कल्पना मुर्मू सोरेन वो ऐसी नहीं थी वो आपके जैसी थी। यहां मौजूद बच्चियां अगर आपके अंदर आत्मविश्वास है और अगर जंगल के अंदर छोटे से गांव से यहां तक सफर कर सकते हैं तो आप अपनी मंजिल तक जरूर पहुंचेंगे मुझे पूरा विश्वास है।