नई दिल्ली। वैभव गग्गर की अध्यक्षता में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की अनुशासनात्मक समिति ने केरला ब्लास्टर्स एफसी पर चार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। समिति ने 3 मार्च, 2023 को बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में बेंगलुरु एफसी के खिलाफ मैच में वॉकआउट करने के लिए केरला ब्लास्टर्स पर यह जुर्माना लगाया है।
एआईएफएफ अनुशासनात्मक समिति ने मुकाबले में शामिल सभी पक्षों को सुनने और उनके विरोध और प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद कहा कि केरला ब्लास्टर्स को “मैच को छोड़ने के इस अनुचित आचरण के लिए ‘सार्वजनिक माफी’ जारी करने का भी निर्देश दिया जाता है, ऐसा न करने पर प्रतिवादी टीम पर लगाए जाने वाले कुल जुर्माने को बढ़ाकर रु. 6,00,00,000/- (रुपये छह करोड़) कर दिया जाएगा।
दरअसल यह घटना तब घटी, जब मैच के दौरान अतिरिक्त समय के पहले हाफ में सुनील छेत्री की फ्री-किक ने बेंगलुरू को बढ़त दिलाई, लेकिन इस गोल को लेकर ब्लास्टर्स कैंप ने विरोध किया और फिर कोच इवान वुकोमानोविक ने अपने खिलाड़ियों को मैदान से बाहर बुला लिया और अधिकारियों के अनुरोध के बावजूद मैदान पर लौटने से इनकार कर दिया।
तीन मार्च को खेले गए इस मैच के 97वें मिनट में फ्री किक पर सुनील छेत्री ने गोल दागा, लेकिन केरला की टीम ने आरोप लगाया कि वह इस किक के लिए तैयार नहीं थे और रेफरी ने सीटी भी नहीं बजाई थी। केरला के खिलाड़ियों ने जमकर विरोध किया और बीच मैच छोड़कर लौट गए, जिसके बाद बेंगलरु की टीम को मैच का विजेता घोषित कर दिया गया। समिति ने केरल ब्लास्टर्स और च वुकोमानोविक दोनों को एक सप्ताह के भीतर इस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। हालांकि, केरला ब्लास्टर्स और उनके मुख्य कोच के पास आदेश के खिलाफ अपील दायर करने का अधिकार है।
समिति ने यह भी कहा कि “खेल का परित्याग वैश्विक खेल इतिहास में, विशेष रूप से फुटबॉल में दुर्लभ घटनाओं में से एक है। भारत में, पेशेवर फ़ुटबॉल के इतिहास में यह केवल दूसरी बार है जब किसी टीम ने कोई मैच छोड़ दिया हो। ऐसा केवल दूसरी बार 09.12.2012 को ईस्ट बंगाल बनाम मोहन बागान के मैच में हुआ था। उस मैच में, मोहन बागान का कोलकाता में ईस्ट बंगाल से था। मैच में जब मिडफील्डर सैयद रहीम नबी ने गोल किया, तो स्टैंड से उनपर पत्थर फेंका गया था।
पहले हाफ की समाप्ति की ओर 13 मिनट के ठहराव के बाद मैच फिर से शुरू हुआ, लेकिन मोहन बागान ने अंतराल के बाद मैदान में उतरने से इनकार कर दिया क्योंकि मिडफील्डर नबी का जबड़े में फ्रैक्चर का इलाज किया गया था और मोहन बागान के खिलाड़ी अभी भी असुरक्षित और खुद को खतरे में महसूस कर रहे थे। मैच रद्द करने का इतना संभावित कारण होने के बावजूद, मोहन बागान से लीग में अब तक अर्जित किए गए सभी 12 अंक छीन लिए गए और उन पर दो करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया।