नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को सभापति जगदीप धनखड़ ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से उठाए गए व्यवस्था के प्रश्न पर अपना निर्णय देते हुए इसे अस्वीकार कर दिया। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 13 मार्च को व्यवस्था का प्रश्न उठाया था कि राज्य सभा में लोक सभा के किसी सदस्य (यहां राहुल गांधी) पर या उसके बारे में कोई चर्चा नहीं हो सकती।
राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने राहुल गांधी के विदेश में दिए भाषण का मुद्दा उठाया था। राहुल का नाम लिये बिना उन्होंने उनके बयान की आलोचना की थी और कहा था कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया था। आज इस संबंध में सभापति ने अपना निर्णय दिया है।
सभापति धनखड़ ने कहा कि राज्य सभा में चर्चा के दायरे से बाहर कोई मुद्दा या व्यक्ति नहीं हो सकता है और यह विशेष रूप से सदन और सभापति द्वारा विनियमन के अधीन है। इससे राज्यसभा में संसद के किसी सदस्य के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक विशेषाधिकार से समझौता होगा और लोकतांत्रिक मूल्यों के विकास में बाधा आएगी।
इसी बीच राज्यसभा में आज सभापति जगदीप धनखड़ सदन के कामकाज का संचालन करने के लिए डिजिटल हो गए। पहली बार चेयर ने पूरी तरह से पेपरलेस होकर एक नई परंपरा की स्थापना की। सभापति ने टेबलेट का इस्तेमाल कर सदन की कार्यवाही संचालित की। उन्होंने इसी का उपयोग कर एक व्यवस्था के प्रश्न पर अपना निर्णय भी सुनाया।
उधर, आज लोकसभा में आज हंगामे के बीच तटीय जलीय कृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 लोकसभा में पेश किया गया। काले कपड़ों में विपक्ष का जेपीसी की मांग को लेकर हंगामा जारी रहा। इसके चलते 2 बजे दोबारा शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही कुछ ही मिनटों में दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा की कार्यवाही भी ज्यादा समय नहीं चली और दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।