-पीएलएफआइ सुप्रीमो से सांठगांठ, गतिविधियों की देता था सूचना
-दिनेश गोप तक पहुंचता था पुलिस की जानकारी
-एसपी ने की थी अनुशंसा, डीआइजी के आदेश पर हुई कार्रवाई
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। खूंटी जिला बल में तैनात सब-इंस्पेक्टर मनोज कच्छप को बर्खास्त कर दिया गया है। उसकी 25 लाख के इनामी पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप से सांठगांठ थी। कच्छप पुलिस के गतिविधियों की सूचना गोप तक पहुंचाता था। खूंटी एसपी की अनुशंसा पर पुलिस नियमावली के तहत कार्रवाई की गयी। पुलिस विभाग ने डीआइजी के आदेश पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की।
दिनेश गोप से साठगांठ के मिले साक्ष्य:
गौरलतब है कि खूंटी नक्सल प्रभावित इलाका है। आरोपी सब-इंस्पेक्टर मनोज कच्छप इसी जिला के बल में तैनात था। जांच में मनोज कच्छप का पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप से सांठगांठ रखने और पुलिस की गतिविधियों की सूचना देने के साक्ष्य मिले। विभागीय रिपोर्ट में कहा गया है कि मनोज कच्छप के विभाग में बने रहने से सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस के लिये घातक है। इससे अभियान में जाने वाले पुलिसकर्मियों के जानमाल की भारी क्षति होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। आरोपी द्वारा इस प्रकार का किया गया कार्य इनकी कर्तव्यहीनता, निष्ठाहीनता, आचरणहीनता पुलिस विभाग के साथ धोखेबाजी एवं एक अयोग्य पुलिस पदाधिकारी का द्योतक है।
अयोग पदाधिकारी का विभान में रहना अनुचित:
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आरोपी ने विभाग के स्थापित मर्यादा के प्रतिकूल आचरण किया गया है। जिससे विभाग शर्मसार हुआ है। आरोपी के इस कुकृत्य से विभाग की छवि धुमिल हुई है। साथ ही पीएलएफआइ के विरुद्ध अभियान में जाने वाले पुलिसकर्मियों का मनोबल गिरा है। आम जनमानस में पुलिस के प्रति अविश्वास की भावना उत्पन्न हुई है। यह आचरण आरोपी के कर्तव्य के प्रति घोर अनुशासनहीनता, कर्तव्यहीनता, स्वेच्छाचारिता, आचरणहीनता पुलिस विभाग के साथ धोखाबजी एवं एक अक्षम पुलिस पदाधिकारी होने का परिचय देता है। एक अयोग्य पुलिस पदाधिकारी का विभाग में बने रहना सर्वथा अनुचित है। विभागीय कार्यवाही में लगाये गये आरोप के लिये आरोपी सब इंस्पेक्टर मनोज कच्छप को दोषी पाकर तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया जाता है।