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    Home»अन्य खबर»इतिहास के पन्नों में 08 अप्रैलः ‘बहरे कानों को सुनाने के लिए धमाकों की जरूरत’
    अन्य खबर

    इतिहास के पन्नों में 08 अप्रैलः ‘बहरे कानों को सुनाने के लिए धमाकों की जरूरत’

    adminBy adminApril 7, 2024No Comments3 Mins Read
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    तारीख- 8 अप्रैल 1929, स्थान- दिल्ली सेंट्रल एसेंबली। वायसराय ने जैसे ही ‘पब्लिक सेफ्टी बिल’ पेश किया, खचाखच भरे दर्शक दीर्घा से दो लोगों ने इंकलाब-जिंदाबाद का नारा बुलंद करते हुए सदन में बम फेंक दिया। पूरे भवन में अफरातफरी मच गई। शहीद-ए-आजम भगत सिंह (20) और बटुकेश्वर दत्त (18) ने ये बम फेंके थे लेकिन इस बात का ख्याल रखा कि इससे किसी को नुकसान न हो। बम फेंकने के बाद दोनों क्रांतिकारी भागने की बजाय खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। उन्होंने नारा बुलंद करते हुए कुछ पर्चे भी फेंके जिसमें लिखा था- “बहरे कानों को सुनाने के लिए धमाकों की जरूरत पड़ती है।”

    क्रांतिकारी ‘पब्लिक सेफ्टी बिल’ और ‘ट्रेड डिस्प्यूट बिल’ का विरोध कर रहे थे। ‘ट्रेड डिस्प्यूट बिल’ पहले ही पास किया जा चुका था, जिसमें मजदूरों द्वारा की जाने वाली हर तरह की हड़ताल पर पाबंदी लगा दी गई थी। ‘पब्लिक सेफ्टी बिल’ में सरकार को संदिग्धों पर बिना मुकदमा चलाए हिरासत में रखने का अधिकार दिया जाना था। दोनों बिल का मकसद अंग्रेजी सरकार के खिलाफ उठ रही आवाज दबाना था।

    भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त असेंबली बम कांड में दोषी पाए गए। इसमें दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई और बटुकेश्वर दत्त को काला पानी जेल भेज दिया गया। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को सांडर्स की हत्या का भी दोषी माना गया। लोगों की नाराजगी के डर से ब्रिटिश सरकार ने 23- 24 मार्च 1931 की आधी रात को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी।

     

    अन्य अहम घटनाएंः

    1857 – भारत के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम के दौरान अंग्रेज़ों पर पहली गोली चलाने वाले वीर मंगल पांडेय को फाँसी दी गयी।

    1950 – भारत-पाकिस्तान के बीच लियाकत-नेहरू समझौता।

    1988 – जनरल वेंग शांग कुन चीन के राष्ट्रपति निर्वाचित।

    2000 – गुटनिरपेक्ष देशों के विदेश मंत्रियों का 13वां सम्मेलन कोलंबिया के कार्टिजेना शहर में प्रारम्भ।

    2001 – भारत-इंग्लैंड राउण्ड टेबल बैठक सरिस्का में सम्पन्न, बांग्लादेश में हिन्दुओं की सम्पत्ति लौटाने के लिए विधेयक पारित।

    2002 – अमेरिकी अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक प्रक्षेपित।

    2003 – अमेरिकी सेना ने बगदाद में बंकर भेदी बम बरसाए, जिसमें कई नागरिक हुए, लेकिन सद्दाम हुसैन का पता नहीं चला।

    2005 – वेटिकन सिटी में मरहूम पोप को अंतिम विदाई दी गई।

    2006 – ल्यूकाशेंको ने तीसरी बार बेलारूस के राष्ट्रपति पद की शपथ ली।

    2008-आन्ध्र प्रदेश व कर्नाटक की सरकारों ने एक महत्त्वपूर्ण फैसले में अपने यहाँ सिक्खों को अल्पसंख्यक घोषित किया।

     

    जन्म

    1983 – अल्लु अर्जुन- तेलुगु फ़िल्म अभिनेता।

    1950 – दिनेश कुमार शुक्ल – हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि।

    1938 – कोफी अन्नान- संयुक्त राष्ट्र संघ के सातवें भूतपूर्व महासचिव।

    1937 – आर. गुंडु राव- कर्नाटक के भूतपूर्व मुख्यमंत्री।

    1924 – कुमार गंधर्व- भारत के सुप्रसिद्ध शास्त्रीय गायक।

    1900 – नवलपक्कम पार्थसारथी – भारतीय आनुवंशिकीविद्, अंतरराष्ट्रीय चावल आयोग के कार्यकारी सचिव।

    1892 – हेमचंद्र राय चौधरी- इतिहासकार।

    निधन

    2008 – शरन रानी – ‘हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत’ की विद्वान् और सुप्रसिद्ध सरोद वादिका।

    2015 – डी. जयकान्तन – प्रसिद्ध तेलुगु साहित्यकार।

    1973 – पाब्लो पिकासो- स्पेन के ख्यातिप्राप्त चित्रकार।

    1953 – वालचंद हीराचंद – भारत के प्रसिद्ध उद्योगपतियों में से एक।

    1894 – बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय – भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के रचयिता।

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