रांची। सिविल कोर्ट में करीब चार दशक से ज्यादा पुराने मामले का निष्पादन शनिवार को हो गया। मटका खेलाने के अभियुक्त मंसूर आलम जो 44 साल से फरार था, उसने शनिवार को न्यायिक दंडाधिकारी कमलेश बेहरा की अदालत में उपस्थित होकर अपना जुर्म कबूल कर लिया। इसके बाद अदालत ने दोषी अभियुक्त को मामूली जुर्माना लगाया। अभियुक्त पर 1980 में मटका खेलने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। इसके बाद से वह फरार चल रहा था। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने जांच पूरी करते हुए 17 सितंबर 1980 को अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। चार्टशीट दाखिल होने के बाद कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए अभियुक्त मंसूर आलम के खिलाफ समन जारी किया था। समन जारी होने के बाद अभियुक्त की ओर से कोर्ट में अपने वकील के माध्यम से उपस्थिति भी दर्ज करायी गयी थी, लेकिन पुलिस पेपर लेने के दौरान अभियुक्त फरार हो गया और लगभग चार दशक तक वह फरार रहा। अभियुक्त के फरार होने के बाद से यह मामला लंबित चल रहा था। पिछले दिनों कोर्ट ने इसकी जानकारी रांची पुलिस को भेजी, जिसके बाद पुलिस ने अभियुक्त को तलाश कर अदालत में पेश किया, जहां अभियुक्त ने 44 साल पुराने मामले में अपना दोष स्वीकार लिया। अदालत ने सजा के तौर पर सिर्फ मामूली आर्थिक दंड लगाया है।