रांची। केंद्र सरकार ने झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) और जेएससीए की इकाई, कंट्री क्रिकेट क्लब के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय (एमसीए) ने 7 मार्च को एक निर्देश जारी किया, जिसमें सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी और दिवंगत अमिताभ चौधरी की पत्नी निर्मला कौर द्वारा दर्ज की गयी शिकायत के बाद क्षेत्रीय निदेशक को कंट्री क्रिकेट क्लब के प्रबंधन की जांच करने का निर्देश दिया गया। जेएससीए के वर्तमान प्रबंधन के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए, अमिताभ चौधरी के परिवार ने अगस्त 2022 में पूर्व राज्य निकाय अध्यक्ष के निधन के बाद व्यापक भ्रष्टाचार, धन के कुप्रबंधन और धोखाधड़ी वाले चुनावों का आरोप लगाया। निर्मला कौर की शिकायत में पटना स्थित वकील और कंट्री क्रिकेट क्लब के पूर्व निदेशक राजीव कुमार सिंह का नाम भी शामिल है।
विशिष्ट व्यक्तियों को पहुंचाया जा रहा लाभ
जांच शुरू करने का एमसीए का निर्णय निर्मला कौर की शिकायत पर आधारित है, जिसमें क्लब के संचालन पर सार्वजनिक हित के लिए हानिकारक होने का आरोप लगाया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि मुख्य रूप से बीसीसीआइ से अनुदान द्वारा वित्त पोषित संसाधनों को व्यापक क्रिकेट समुदाय का समर्थन करने के बजाय विशिष्ट व्यक्तियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा, शिकायत में नवंबर 2023 में हुई चुनाव प्रक्रिया में फर्जी टेंडरिंग और अनियमितताओं के उदाहरणों का हवाला दिया गया है।
क्लब की कुल आय का नहीं दिया जाता हिसाब : कौर
निर्मला कौर की शिकायत झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में बुनियादी ढांचे के दुरुपयोग और महत्वाकांक्षी क्रिकेटरों को जेएससीए संसाधनों तक पहुंच से वंचित करने कि बात कही गयी है। शिकायत में कहा गया है कि क्लब खातों को ठीक से बनाये नहीं रखा जाता है। क्लब की कुल आय का हिसाब नहीं दिया जाता है। बिजली बिल और क्लब के सभी रखरखाव बिलों का भुगतान बीसीसीआइ अनुदान से किया जा रहा है। क्लब की आय का उपयोग फर्जी टेंडरिंग और खरीदारी में किया जाता है और प्रबंधन समिति क्लब की कमाई से खुद को समृद्ध कर रही है। इसके अतिरिक्त, शिकायत में राजीव कुमार सिंह पर बिहार के पटना में अपना प्राथमिक निवास होने के बावजूद जेएससीए स्टेडियम के भीतर स्थायी क्वार्टर बनाये रखने का आरोप लगाया गया है।
दिसंबर 2023 में, निर्मला कौर ने झारखंड पुलिस में शिकायत दर्ज करायी, जिसके परिणामस्वरूप धुर्वा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गयी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि जेएससीए के कुछ पदाधिकारियों ने राजीव कुमार सिंह के साथ मिलकर अमिताभ चौधरी के निधन के तुरंत बाद उनके लिए निर्धारित कक्षों में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश किया और सामान हटा दिया गया।