नई दिल्ली। दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की नीति का विरोध करते हुए बुधवार को मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

आनंद ने पत्रकार वार्ता के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के रवैए पर सवाल उठाए। साथ ही उन्होंने दलितों और पिछड़ों के प्रतिनिधित्व का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी देश में राजनीति बदलने के उद्देश्य से आई थी। हालांकि राजनीति नहीं बदली लेकिन राजनेता बदल गए। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने वाली पार्टी आज स्वयं भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है। ऐसे में उनका पार्टी में रहना असहनीय था और उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

पिछड़ों के प्रतिनिधित्व का मुद्दा उठाते हुए आनंद ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर की फोटो लगाने वाली पार्टी उनके आदर्शों पर नहीं चल रही। आरक्षण मजबूरी है लेकिन जहां आरक्षण नहीं है वहां दलितों और पिछड़ों को पार्टी प्रतिनिधित्व देने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि आप की ओर से राज्यसभा भेजे गए सांसदों में एक भी दलित, पिछड़ा और महिला नहीं है। हाल ही में विधानसभा में फैलो की भर्ती की गई। इसमें भी दलितों और पिछड़ों की भर्ती नहीं की गई।

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