पूर्वी चंपारण। आज पूरी दुनिया में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है।दरअसल इस दिन को याद करने का मुख्य उद्देश्य यह है,कि पूरी मानवता का पालन हार पृथ्वी(धरती) की रक्षा के प्रति लोगो को जागरूक किया जा सके।वह भी उस स्थिति में जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्त्तन और ग्लोबल वार्मिंग की चपेट में है और इसके कई बुरे परिणाम सुनामी,बाढ,अनावृष्टि,अतिवृष्टि,भयंकर तूफान और भूकंप के रूप में भी सामने आ रहे है। पृथ्वी को बचाने वाली ओजोन परत में छेद होने व उत्तरी ध्रुव पर स्थित ग्लेशियर के पिघलने के बाद वैश्विक स्तर पर पृथ्वी को बचाने की कोशिश तेज कर दी गई है।हालांकि वह प्रयास तब ही सार्थक हो पायेगा।जब पृथ्वी पर रहने वाले हर मानव पृथ्वी को बचाने के लिए छोटे-छोटे प्रयास करे,क्योंकि आज पृथ्वी पर मौजूद जल,जंगल और जमीन के साथ ही पहाड़ और हिम शिखर भी गंभीर चुनौतियो का सामना कर रहा है।
बढती जनसंख्या और धरती पर बढते क्रंकीट के जंगल(मकान ) के साथ धरती का दोहन कई स्तरो पर बदस्तूर जारी है।ऐसे में जरूरी है,कि धरती को बचाने के लिए सबका सामूहिक प्रयास हो। इसके लिए सबको अपने आसपास पेड़ लगाने की जरूरत है।ताकि पर्यावरण स्वच्छ और संतुलित बना रहे। साथ ही इससे फल के साथ पशुओ के लिए चारा व ईधन भी प्राप्त हो सके।पृथ्वी को बचाने के लिए पानी का सही इस्तेमाल जरूरी है।क्योंकि पानी की कमी से आज लाखों लोग परेशान हैं। जैसे- ब्रश करते समय टैब को बंद कर देना चाहिए, नहाने के लिए शॉवर के बजाय बाल्टी का इस्तेमाल करें। ऐसे और भी कई छोटे-छोटे प्रयासों से हम पानी की बचत कर सकते हैं।आम तौर पर ऐसा देखा जा रहा है,कि लोग कचरे और प्लास्टिक अवशेष को पानी में डालते है,जबकि ऐसा कदापि नही करना चाहिए।
इससे जलस्रोत दूषित होने के साथ ही धरती के अंदर जल का प्रवेश अवरूद्ध हो रहा है। जिससे भू जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है।इंटरनेट के युग में भारत ही नही बल्कि पूरी दुनिया में मोबाइल, एलईडी स्क्रीन का प्रचलन बढा है। जिसे वैज्ञानिको ने ग्लोबल वार्मिग का कारक माना है,ऐसे में सप्ताह में एक दिन मोबाइल और एलईडी स्क्रीन से दूर रहकर उस समय को नदियों या धरती पर मौजूद पेड़ पौधे के संरक्षण में या पुस्तक पढने में गुजारना चाहिए।पृथ्वी दिवस पर हम सब स्वयं यह शपथ ले कि हम अपने आसपास साफ-सफाई रखेंगे।अपने घरों के साथ ही कहीं आते-जाते वक्त यत्र तत्र कचरा नही फेंकेगे।सूखे या गीले कचरे के लिए हमेशा डस्टबिन का ही प्रयोग करेगे।
हमे पता है,कि जिस बिजली का हम प्रयोग कर रहे है,उसे तैयार करने में भारी तापमान की जरूरत होती है। जिससे धरती काफी गर्म हो रही है।ऐसे में हमे कम से कम बिजली के प्रयोग करने चाहिए। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का भी हमे अनुचित प्रयोग से बचना चाहिए।बिजली की जितनी जरूरत हो उतनी ही इस्तेमाल करें।बिना जरूरत लाइट, पंखा, एसी का इस्तेमाल न ही करे तो बेहतर होगा।यह सीख स्वयं के साथ ही अन्य लोगो को भी देकर जागरूक करने से ही पृथ्वी दिवस मनाने की सार्थकता होगी।क्योकी पृथ्वी ही हम सबका घर है ऐसे में अपने घर को साफ सुंदर और बेहतर बनाने की जिम्मेदारी सबकी है।